मुन्ना बजरंगी की हत्या कांड  मामले में जेलर  बर्खास्त


 

लखनऊ स्टिंग में फंसे मेरठ के डिप्टी जेलर की भी सेवा समाप्त प्रमुख संवाददाता-राज्य मुख्यालय जिला जेल बागपत में माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले में जेलर यूपी सिंह और एक न्यूज चैनल के स्टिंग में फंसे जिला जेल मेरठ के डिप्टी जेलर डीके सिंह को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। प्रमुख सचिव गृह एवं कारागार अरविन्द कुमार ने यह जानकारी दी। जिला जेल बागपत में 9 जुलाई 2018 को उच्च सुरक्षा बैरक के एकल कक्ष संख्या 10 में बंदी सुनील राठी की बंदी प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजंरगी से झड़प हुई थी। इसके बाद बंदी सुनील राठी ने मुन्ना बजरंगी की पिस्टल से गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना के बाद जेल उदय प्रताप सिंह को निलंबित कर जिला जेल कानपुर के अधीक्षक को जांच अधिकारी नामित किया गया था। जांच अधिकारी की रिपोर्ट, आरोप-पत्र पर दिए गए उनके जवाब, व्यक्तिगत सुनवाई संबंधी प्रार्थना पत्र, पत्रावली में उपलब्ध अभिलेखों तथा पूर्व में की गई अन्य जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर जेलर उदय प्रताप सिंह को बर्खास्त करने का फैसला किया गया। उन्हें उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली में निहित प्रावधानों के उल्लंघन का दोषी पाया गया।इसके साथ ही 1/2 अक्टूबर 2013 को एक न्यूज चैनल द्वारा जिला जेल मेरठ में किए गए स्टिंग आपरेशन के मामले में भी बड़ी कार्रवाई की गई है। स्टिंग में डिप्टी जेलर धीरेन्द्र कुमार सिंह बंदियों को अनधिकृत सुविधा दिलाने के लिए पैसे लिए जाने की बात कहते पकड़े गए थे। इस मामले में धीरेन्द्र कुमार सिंह के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करते हुए डीआईजी जेल बरेली परिक्षेत्र को जांच अधिकारी नामित किया गया था। जांच अधिकारी की रिपोर्ट में धीरेन्द्र कुमार सिंह को उत्तर प्रदेश जेल मैनुअल के प्रस्तर-1101(अ) व 1105 तथा उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 के नियम-3 (1) व (2) में निहित प्रावधानों के उल्लंघन करने का दोषी पाया गया। प्रमुख सचिव गृह ने कहा कि आरोपी अधिकारियों पर आरोप सिद्ध पाए जाने एवं आरोपों की गंभीरता को देखते हुए उन्हें सेवा में बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं पाया गया।

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