मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
लखनऊ शासन और पुलिस के छोटे बड़े अधिकारियों को अब अपने कार्यालय में रोजाना दो घंटे अनिवार्य रूप से बैठना पड़ेगा। सुबह 9 से 11 बजे के बीच के इस वक्त में उन्हें जनता से मिल कर उनकी समस्याओं का निपटारा करना होगा। इन अधिकारियों में डीएम, एसपी, कमिश्नर व डीआईजी शामिल हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फरमान है कि अफसर अपने कार्यालय अवधि में कार्यालय में ही बैठेंगे ना कि कैंप कार्यालय में। सरकार इस व्यवस्था का पालन करने में कोताही का प्रतिकूल संज्ञान लेगी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने आदेश जारी किया है। असल में 24 अप्रैल 2017 को ही मुख्य सचिव ने भी कहा था कि अफसर रोज अपने दफ्तर में सुबह 9 से 11 बजे तक बैठेंगे और जनता की समस्याओं का समाधान करेंगे लेकिन इसका पालन नहीं हुआ। जिलों से शासन तक शिकायत पहुंची कि अफसर जनता से मिलते नहीं हैं। नए आदेश में कहा कि अफसरो से उम्मीद थी कि सभी अधिकारी अपने कार्यालय में मौजूद रह कर सरकारी काम निपटाएंगे लेकिन मुख्यमंत्री के संज्ञान में आया है कि कुछ जिलों में अधिकारी अपने कार्यालय कक्ष में उपस्थित न होकर कैंप कार्यालय में रहते हैं। यह अत्यन्त आपत्तिजनक है। अब सीएम ने कड़े निर्देश दिए हैं कि यह अधिकारी उपरोक्त समय में कार्यालय में बैठ कर जनता की समस्याएं सुनकर तय समय में उसका समाधान कराएंगे।
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