ड्राइवर ने ली झपकी और उजड़ गए 29 परिवार , दुर्घटना देख सहम उठे लोग
लखनऊ बस ड्राइवर ने ली एक झपकी और एक झटके 29 परिवार को उजड़ गए । मृतकों के परिवारों के लिए सोमवार(०८ जुलाई ) दिन एक शोक दिवस के रूप में रहा , सभी के हलक की आवाजे गायब हो चुकी थी सभी शोकाकुल माहौल में अपना अपना दुखड़ा रट रहे । आग की तरह फैली बस हादसे की सूचना से घरों में परिवारजनों के ह्रदय में पहाड़ ही टूट गया। इस बस में ड्राइवर कंडक्टर समेत 52 लोग सवार थे। इनमें सात यात्री लखनऊ के थे बाकी अन्य जनपदों से बस पकड़ने आलमबाग बस टर्मिनल पहुंचे थे। घटना स्थल पर ड्राइवर सहित 29 के शव मिले, जबकि बस कंडक्टर समेत 23 यात्री गंभीर रूप से घायल हुए है। इनमें एक बच्ची और एक महिला शामिल है।दरअसल, बीते रविवार की शाम कैसरबाग स्थित अवध बस डिपो से एसी जनरथ बस फिटनेस के बाद भेजी गई। इस बस को रात दस बजे आलमबाग बस टर्मिनल से कानपुर होकर गाजीपुर जाना था। बस में मात्र दो यात्री थे। इस वजह से रात सवा दस बजे इस बस दिल्ली भेज दिया गया। खास बात यह है कि नियमित बस चालक तीन दिन की छुट्टी से लौटा था। किसी प्रकार का कोई दबाव नहीं था। बशर्ते इतना जरूर था कि रोजाना इस रूट पर जाने वाला संविदा ड्राइवर विपिन छुट्टी पर था। इस ड्राइवर के लिए यह रास्ता नया था। इसके पहले आगरा एक्सप्रेस वे होते हुए यमुना एक्सप्रेस के रास्ते दिल्ली नहीं गया था। जानकारी के मुताबिक ड्राइवर नशे में नहीं था। मोबाइल पर बात भी नहीं कर रहा है। ऐसे में तड़के साढ़े चार से पांच के बीच ड्राइवर को नींद आई और बस अनियंत्रित होकर एत्मादपुर के पास झरने के नाले में रेलिंग तोड़ते हुए बस जा गिरी।
लापरवाही -नियमो को ताक पर रखकर किया जा रहा काम
बस में ड्राइवर कंडक्टरों की ड्यूटी नियमों से रोडवेज के अफसर खिलवाड़ कर रहे है। नियम यह है कि चार सौ किलोमीटर से अधिक की दूरी पर दो ड्राइवर रूट पर भेजे जाएंगे। लखनऊ से दिल्ली जा रही बस औसतन छह सौ किलोमीटर की दूरी तय करती। बावजूद इस बस को एक ड्राइवर के भरोसे भेजा गया।
क्या कहते है ड्यूटी नियम
नियमित चालक परिचालकों को रोजाना आठ घंटे बस संचालन के साथ माह में 25 दिन की ड्यूटी
-हर आठ घंटे बस संचालन ड्यूटी के बाद बारह घंटे आराम करके पुन: ड्यूटी का है नियम
-संविदा चालक परिचालकों को हर माह तय किलोमीटर व बाईस दिन की ड्यूटी पर फिक्स वेतन
- संविदा चालक 22 दिन की ड्यूटी व 05 हजार किलोमीटर
- संविदा परिचालक 24 दिन ड्यूटी 06 हजार किलोमीटर
नहीं चेक की जाती ड्राइवर की देखने की क्षमता
नियम यह है कि वर्ष में दो बार कैंप लगाकर ड्राइवर के आंखों की जांच की जाए। बीते तीन वर्षो पर मात्र तीन बार शिविर लगाकर ड्राइवर की जांच की गई। जिसमें डॉक्टरों की रिपोर्ट में कई चालकों को मोतियाबिंद मिला। वहीं जांच में ऐसे भी ड्राइवर मिले जिन्हें दूर का दिखाई नहीं दे रहा था तो किसी को नजदीक का।
गोंडा व बस्ती से थे ड्राइवर-कंडक्टर
मृतक बस ड्राइवर (नियमित) कृपा शंकर चौधरी उम्र 50 निवासी ग्राम-गिधार, पोस्ट-भिटेहरा जिला बस्ती व घायल-बस कंडक्टर (संविदा) असनीश मिश्रा ग्राम बालापुर, पोस्ट, शिवदयालपुर, जिला गोंडा के रहने वाले थे।
संतुलन खोकर ,30 फुट गहरे नाले में जा गिरी बस ,
आलमबाग बस टर्मिनल (लखनऊ) से चलकर दिल्ली जा रही अवध डिपो की एसी जनरथ बस सोमवार की सुबह यमुना एक्सप्रेस वे (एत्मादपुर) झरना नाले में गिर पड़ी। बस 30 फुट ऊंचाई से नाले में गिरी। दिल दहला देने वाले हादसे में एक महिला और बच्चे सहित 29 सवारियों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। देर रात 10 बजे तक सभी की शिनाख्त हो चुकी थी। 22 को इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। तीन की हालत गंभीर बनी हुई है। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह आगरा आ गए। मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की गई है। हेल्प लाइन नंबर जारी किया गया है।
घटना सुबह करीब 4 बजकर 15 मिनट की है। कृपाशंकर बस चला रहा था। परिचालक अवनीश मिश्रा अपनी सीट पर था। गांव चौगान ठार (एत्मादपुर) पर बने माइनर पुल 162/1 पर हादसा हुआ। यमुना एक्सप्रेस वे पर दोनों तरफ झरना नाले के ऊपर पुल बने हुए हैं। दोनों पुलों के बीच में लगभग 27 फुट की खाली जगह है। बस दिल्ली की दिशा में ओवर टेकिंग लाइन में थी। बस पहले डिवाइडर पर चढ़ी। छह मीटर डिवाइडर पर चली। दोनों पुलों के बीच खाली जगह में लोहे की रैलिंग लगी है। उसे तोड़ा। अगला एक्सल टूट गया। दोनों पहिया लोहे की रेलिंग के पास ही गिर पड़े। बस की उल्टी तरफ का हिस्सा पुल की एक फुट चौड़ी और चार फुट ऊंची बाउंड्री पर चढ़ गया। बस तिरछी हो गई। रफ्तार अधिक होने के चलते बस लगभग पांच मीटर मीटर दीवार से घिसटते हुए 30 फुट नीचे झरना नाले में गिर पड़ी। तेज आवाज हुई। पास ही नलकूप पर चौकीदार सौदान सिंह सो रहा था। उसकी नींद खुली। उसने नाले में बस को उल्टा देखा तो चीखते हुए गांव में पहुंचा। ग्रामीण मौके पर आ गए। पुलिस को सूचना दी। परिचालक सहित 22 सवारियों को बचा लिया गया। 29 के शव करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद निकाले जा सके।
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