गुमनामी बाबा की जांच के लिए गठित जस्टिस विष्णु सहाय आयोग की रिपोर्ट विधान मंडल के अगले सत्र में पटल पर रखी जाएगी
लखनऊ अयोध्या में गुमनामी बाबा की जांच के लिए गठित जस्टिस विष्णु सहाय आयोग की रिपोर्ट विधान मंडल के अगले सत्र में पटल पर रखी जाएगी। कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी। मंगलवार को लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी मिली।गुमनामी बाबा उर्फ भगवान जी की जांच के लिए गठित एक सदस्यीय न्यायमूर्ति विष्णु सहाय आयोग की रिपोर्ट विधान मंडल के पटल पर रखने के लिए कैबिनेट के समक्ष प्रस्ताव आया। इसे मंजूरी दे दी गई। सितंबर 2017 में न्यायमूर्ति सहाय ने गुमनामी बाबा की 347 पृष्ठ की जांच रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपी थी। राज्यपाल ने सौंपी गई रिपोर्ट को परीक्षण के बाद अगली कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को भेज दिया था।जस्टिस सहाय ने चार जुलाई, 2016 को आयोग के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण कर जांच शुरू की थी। करीब 14 माह में पूरी हुई इस जांच रिपोर्ट के सामने आने से एक बड़े रहस्य से पर्दा हट सकता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने प्रदेश सरकार को अयोध्या के राम भवन में रहने वाले गुमनामी बाबा की जांच के लिए एक पैनल गठित करने के निर्देश दिये थे। उच्च न्यायालय में यह याचिका दायर की गई थी कि राम भवन में रहने वाले गुमनामी बाबा ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस थे।
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