पूरे परिवार ने विधानभवन के सामने मिट्टी का तेल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया।
लखनऊ पुलिस से न्याय न मिलने पर पीडि़त परिवार ने सोमवार (२२ जुलाई )को विधानभवन के सामने मिट्टी का तेल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया। पीडि़त की बाराबंकी मेें फर्नीचर की दुकान है। पीडि़त ने आरोप लगाया है कि कुछ दबंंग उसे परेशान कर रहे हैं और इसकी शिकायत के बावजूद पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। उधर, इंस्पेक्टर हजरतगंज राधा रमण सिंह ने बताया कि मामले में बाराबंकी कोतवाल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जमीन सरकारी थी न कि नसीर की जिसपर सड़क बनाई गई है। बाराबंकी कोतवाली नगर के पूरेमोती मजरे ओबरी निवासी मो. नसीर की आवास विकास कॉलोनी में नाले किनारे एक फर्नीचर की दुकान थी। बताया जा रहा है कि 2018 में एसडीएम के आदेश पर राजस्व, नगर पालिका और पुलिस टीम ने नोटिस देने के बाद हटा दिया था। इसलिए दुकान का सारा सामान नगर पालिका में दाखिल कर दिया गया था। नसीर का आरोप है कि उसकी दुकान को हटाकर वहां पर सड़क बना दी गई है। उसे न तो दूसरी जमीन मिली और न ही मुआवजा। हालांकि, नगर पालिका में दाखिल उसकी दुकान का सारा सामान वापस कर रिसीविंग ली गई थी। अपनी मांग पर अड़े नसीर ने सीएम से लेकर हर उच्चाधिकारी को शिकायती पत्र भेजा था और छह जुलाई को भी सीएम आवास के सामने परिवार के साथ आत्मदाह की चेतावनी दी थी, पर पुलिस ने उसे पकड़ लिया था। मांग पूरी न होने पर उसने बिना किसी पूर्व सूचना के इस बार लखनऊ में विधानभवन के सामने आत्मदाह की कोशिश की। एसपी आकाश तोमर ने बताया कि वह जमीन नगर पालिका की है और अतिक्रमण को एसडीएम के आदेश पर तीनों टीम ने हटाया था।
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