लखनऊ राजधानी घूमने आने वाले पर्यटक अब सेना की शौर्यगाथा और जांबाजों की शहादत के बारे में जानकारी हासिल कर सकेंगे। राज्यपाल राम नाईक ने छावनी स्थित मध्य कमान युद्ध स्मारक स्मृतिका को राज्य सरकार को अपने पर्यटन क्षेत्र में शामिल करने के निर्देश दिए। जिससे लोगों को यह पता चल सके कि हमारे जांबाजों ने कैसे शहादत देकर देश की रक्षा की। यह उनके लिए प्रेरणा स्थल होगा।उन्होंने मंच पर बैठे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कहा कि पर्यटन विभाग का कार्यभार आपके पास है। लिहाजा आप स्मृतिका को अपने पर्यटन स्थल में शामिल करें। इससे लोग यहां आएंगे और सेना से उनका संवाद भी बढ़ेगा। राज्यपाल नगर निगम की ओर से कारगिल स्मृति वाटिका में आयोजित कारगिल विजय दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। यहां मेयर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि अब शहर में हर शहीद के घर के सामने की सड़क उनके नाम पर होगी। जबकि नगर निगम में उनको कोई टैक्स नहीं देना होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारतीय सेना के जांबाजों ने 1999 में दुश्मनों के छक्के छुड़ाकर आज ही के दिन कारगिल की पहाड़ी पर विजय प्राप्त की थी। भारतीय सेना दुनिया की सबसे बेहतर सेनाओं में से एक है। आजादी के बाद अब तक भारत पर पांच युद्ध थोपे गए। सन 1948, 1962, 1965 व 1971 के बाद पांचवे युद्ध में 1999 में कारगिल में पाकिस्तान ने भारत की सीमा में घुसपैठ करने का प्रयास किया तो विपरीत परिस्थिति के बावजूद हमारे जांबाजों के पराक्रम ने सफलता हासिल की।कहा, सही मायने में कारगिल दिवस भारत के शौर्य का दिवस है। कारगिल युद्ध के समय देश में हर तरफ ज्वार उबल रहा था। क्या उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम। कोई ऐसा राज्य नहीं था जिसने कोई शहीद न दिया हो। जातिवाद, क्षेत्रवाद, मत और मजहब की दीवार टूटी। दुनिया ने एक भारत श्रेष्ठ भारत देखा। आज पूरा देश सुख व चैन की नींद सोता है क्योंकि हमारे जांबाज एक-एक इंच भूमि की रक्षा के लिए सर्दी में माइनस डिग्री तापमान और उबलते रेगितस्तान में चट्टान की तरह डटे रहते हैं। वहीं राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि लखनऊ में कई ऐतिहासिक धरोहर हैं जहां आजादी की लड़ाई से लेकर आज तक के युद्ध की यादें संजोयी हुई है। उनको और संवारने की जरूरत है। यहां रेजीडेंसी में 15 अगस्त से लाइट एंड साउंड शो शुरू होगा।
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