उत्तर प्रदेश  - भीड़ हिंसा के विरोध में सपा का सदन से वाकआउट

उत्तर प्रदेश  - भीड़ हिंसा के विरोध में सपा का सदन से वाकआउट


विधानसभा में गुरुवार को समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने मेरठ में भीड़ हिंसा का विरोध कर रही भीड़ पर पुलिस ज्यादती के विरोध में सदन से वाकआउट किया। सपा ने दोषियों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने के साथ ही चर्चा की मांग की। जिस पर अधिष्ठाता ने चर्चा से इनकार कर दिया। संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि भीड़ ने नेशनल हाईवे पर जाम लगाया और तोड़फोड़ की, तब पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बल प्रयोग किया। किसी को भी हिंसा की छूट नहीं दी जाएगी। सरकार तोड़फोड़ कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।


समाजवादी पार्टी ने कार्यस्थगन के जरिये झारखंड में हुई भीड़ हिंसा में तबरेज की हत्या किए जाने के विरोध में मेरठ में भीड़ पर लाठी चार्ज किए जाने का मुद्दा उठाया। सपा के विधायक रफीक अंसारी ने शुरुआत शेर पढ़ते हुए कि--मेरे तकदीर के मालिक मेरी पहचान लिख देना, मेरे जिस्म के हिस्से पर हिन्दुस्तान लिख देना, कहीं पर राम लिख देना कहीं रहमान लिख देना...। उन्होंने कहा कि मेरठ में पुलिस ज्यादती कर रही है। भारतीय जनता पार्टी का एक बड़ा नेता वहां कुछ लोगों को बेवजह परेशान कर रहा है। उन्होंने कहा कि इस भाजपा के नेता का नाम उजागर होना चाहिए। कुछ लोग मेरठ को जलाना चाहते हैं। भीड़ हिंसा के खिलाफ लोग शांति प्रिय ढंग से आंदोलन कर रहे थे। उन्हें बेवजह पुलिस ने घेर-घेर कर लाठियों से पीटा। किसी का हाथ टूट गया तो किसी के पैर में गंभीर चोटें आईं।


रफीक अंसारी ने कहा कि ऐसी ज्यादती को अंग्रेजों के समय नहीं हुई। क्या इसी दिन को देखने के लिए देश आजाद कराया था। उन्होंने सदन की कार्रवाई रोककर चर्चा की मांग की। बात खत्म करते हुए उन्होंने सरकार पर तंज करते हुए शेर पढ़ा -सितमगर तुझसे उम्मीदे वफा होगी जिसे होगी, अब तो जालिस तुझे देखना है तू कहां तक है...।


इस पर नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने सरकार से मांग की कि मुकदमे वापस लिए जाएं। निर्दोषों को जेल से रिहा किया जाए। इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि दिल्ली हाईवे पर जाम लगा दिया गया था। आखिर जाम लगाने का हक किसे है। क्या कोई शांति-व्यवस्था भंग कर सकता है। सरकार हर कीमत पर शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। कोई उद्दंडता पर उतरा आए किसी को परेशान करे तो पुलिस क्या करे। पहले अनुनय विनय किया गया। फिर पुलिस ने बल प्रयोग किया। किसी की भी कीमत पर कानून-व्यवस्था का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं होगा। जो निर्दोष होंगे उनके बारे में देख लिया जाएगा। इस बारे में पुलिस को निर्देशित भी कर दिया जाएगा।


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