गिरगिट बना इंसान


 नीरज त्यागी


गिरगिट बना इंसान


सुंदरता तेरी गिरगिट अब छीन रहा इंसान।
अपने रंग बदलने पर अब कैसे करेगा गुमान।।


तेरा रूप बदलने का हुनर बड़ा गजब है यार,
पर आजकल इंसान चेहरे बदल कर रहा है वार।


अलग स्थान पर तू बदल जाता है अपना रूप,
पर अब धोखा देने की इंसानो में गजब है भूख।


भूख लगी ऐसी ये अपनो का मान सम्मान भी खाए।
देख के इसकी भूख तुझे भी इसपर शर्म आ जाए।।


इंसानो की इस भूख ने बड़ा गजब किया है आज।
रंग बदलने की चाहत में छोड़ दिये सब रिश्ते आज।।



नीरज त्यागी


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