छोटी छोटी खुशियों के अवसर खोजेँ।

छोटी छोटी खुशियों के अवसर खोजेँ।

वस्तुत: जीवन मेँ एक छोटी सी खुशी हेतु भी कई प्रकार से चुनाव करने पड़ते हेँ। सर्व प्रथम  खुशियों के चुनाव करने बाबत हम लगभग प्रत्येक क्षेत्र मेँ अपनी भागीदारी निभाएँ।
कठिन परिस्थितियों मेँ भी हिम्मत बनाए रखेँ।जो मधुर घटनाएँ जीवन मेँ अभी तक नही हुई हेँ उन्हेँ मनोरजँक माहौल मेँ निर्माण हैतु  प्रयास करें। सदैव अपने दिल की सुनेँ।शरीर का प्रत्येक स्तर पर ध्यान रखेँ। सरल योग करेँ।घूमेँ,भ्रमण करेँ।स्वस्थ रहेँ ये भी एक प्रकार से खुशी का ही स्वरूप हे।समयानुसार परिस्थिति अनुरूप नाचे,गाएँ।पूरे दिन मोबाइल या लेपटाप मेँ ही नही घुसे रहेँ,वरन मोबाइल या लेपटाप का प्रयोग लोगों के दिलों मेँ मीठा बोलकर ,स्व सहयोग कर उनके दिलों मेँ स्थान बनाए।
ध्यान रखें कि जो दूसरों की मुस्कुराहट का ध्यान रखते हेँ,जीवन मेँ रौशनी फैलाते हेँ ।उनके जीवन मेँ स्वमेव रौशनी आती हे। विनोदप्रिय,आशा से ओतप्रोत, हँसमुख स्वभाव वाले प्रत्येक स्थान पर स्वयँ का मार्ग प्रशस्त कर लेते हेँ। वस्तुतः छोटी बड़ी खुशी का कोई माप दडँ नही होता हे। जीवन मेँ कई छोटी बड़ी खुशीयाँ एसी होतीं हेँ, जो मानव के भीतर तक सुख पहुँचातीे हैँ। जैसे सर्दी मेँ ठिठुरते व्यक्ति को कँबल ओढ़ाना,रक्त दान करना,नेत्र दान करना,अँग दान करना, शरीर दान करना,भूखे प्यासे बीमार को राहत पहुंचाना,दुघर्टना ग्रस्त व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाना।
इस प्रकार के कर्म से स्वय एवँ दूसरोँ को खुशीयाँ मिलती हैँ।
जीवन मेँ खुश होने की शुरुआत कहीँ से भी हो सकती हेँ। आप जहां भी जाएँ ,वहां छोटीछोटी
खुशीयोँ को लेजाना नहीँ भूलेँ।इसका प्रारंभ स्वयँ के परिवार से करेँ। स्वयं के परिवार के सदस्यों को खुशियां देँ।पड़ौसियों को खुशियां देँ।
ध्यान रखें कि जो भी आपके पास आए, वो पूर्व से कुछ बेहतर खुशियां लेकर लौटे।
ध्यान रखें कि हसीं और खुशी दैनिक जीवन का ही एक अगँ हे। प्राय: सभी यही चाहते हेँ कि वो सदैव खुश रहेँ, मस्त रहेँ कितुं इस बाबत आतँरिक खुशी आवश्यक हे।इस बाबत आप यत्र तत्र ,सर्वत्र खुशियां बाटे। ध्यान रखें कि दुख बाँटने से घटता हे और खुशियां बाँटने से बढ़तीँ हेँ।
अत: आवश्यकता इस बात की है कि आप छोटी छोटी खुशियों के अवसर खोजेँ।

स्नेहलता मिश्रा,


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