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गर्मी में ऐसे रक्खे अपना ख्याल
सर्वप्रथम दिन मे एक या दो बार नीबूँ पानी मेँ कुछ शक्कर शिकँजी बनाकर मीठी लस्सी, मीठा पतला सत्तू या मीठा शरबत जरूर पीना चाहीये।
दोपहर यदि आवश्यक कार्य से घर से बाहर जाना हो तो एक या दो गिलास ठँडा पानी पीकर निकलना चाहीये।
ज्यादा समय प्यासे नही रहेँ वरन समय समय पर पानी पीयेँ ।ध्यान रहे बहुत ज्यादा प्यासे रहने पर दिल की पीड़ा, चक्कर आना,अगोँ मेँ शिथिलता, मुहँ सूखना आदि विकट समस्या उत्पन्न हो सकती हे।
यदि आप घूमने या यात्रा पर जा रहे तो कुछ बताशों की थेली, अम्रत धारा,पुदीन हरा,प्राण सुधा मेँ से कोई भी शीशी जरूर रखें।
सिर दर्द, पेट दर्द,उल्टी दस्त के कारण उपरोक्त मेँ से कोई भी दवा 3 या 4 बूदें बताशे पर टपका कर खाने से शीघ्र आराम मिलता है।
शाम को तेज मिर्च,मसालेदार, भारी और गर्म प्रकृति के पदार्थ कतई प्रयोग मेँ नही लेँ।अन्यथा अपच हो सकती है।इससे पेट दर्द,मुहँ के छाले,मुहाँसे, पीठ दर्द आदि हो सकते हैँ।शाम के खाने मेँ लहसुन, प्याज, ठडाँ दही नही खाएँ।यदि पेट की गड़बड़ी रहती हे तो
शाम को मूगँ की दाल एवँ खिचड़ी खाना चाहिए।
यदि रात्रि को किसी कार्यवश जागना पड़े तो प्रत्येक घँटे मेँ शीतल जल पीते रहेँ।
यदि किसी कार्यवश तेज गर्मी या कड़क धूप मेँ जाना पड़े तो सिर पर टोपी या हेलमेट लगा कर जाएँ। आप सादा तौलिया या अगोँछा सिर पर लपेट कर भी जा सकते हेँ। ध्यान रखें कि सिर पर सीधी धूप नही पड़े। इससे लू नहीँ लगेगी।
स्नेहलता मिश्रा,
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