हाथी के दांत दिखाने के और खाने के और

हाथी के दांत दिखाने के और खाने के और
पूरे विश्व को कोरोना संकट से घेरने वाले चीन को यदि हाथी की तरह  दांत दिखाने की की कहावत से जोड़कर देखा जाए तो बिलकुल भी गलत नहीं होगा ,क्यूंकि ये चाइना ही था जिसने पहले तो खुद पीड़ित होने का दिखावा किया फिर दुनिया बाहर में इसको फैला दिया फिर खुद को एकदम सही बताया फिर खुद की जब पोल खुली तो वास्तविक संक्रमण की संख्या का खुलासा पूरे विश्व के सामने हुआ 
पूरे विश्व में गिरती हुई अर्थव्यवस्था का जिम्मेदार चीन है जब कि वह सब के सामने अपनी ही अर्थव्यस्था का राग अलापा करता है जबकि उसने खुद गिरी हुई अर्थव्यवस्था का फायदा उठाकर अपना अच्छा खासा पैसा शेयर मार्किट में लगा लिया और जिस से अब वह विदेशी बाजार को प्रभावित करने अपनी क्षमता को विकसित कर सका 
और तो और खुद जीवन रक्षक सामग्री भी बनाकर दुसरो को निर्यात कर रहा है जिस से भी लगातार मुनाफा कमा रहा
एक तरफ जहाँ पूरा विश्व कोरोना संक्रमण की मार झेल रहा है वही चाइना ने भारत को सीमा विवाद में भी उलझना शुरू कर दिया है चीन बीते कुछ दिनों से लगातार भारतीय सीमा का अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहा है। चीन ने सिक्किम और लद्दाख से लगती सीमा रेखा पर जिस तरह आक्रामकता का प्रदर्शन किया है उससे साफ है कि वह भारत पर अनुचित दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। हैरानी नहीं कि इसका कारण भारत को यह संदेश देना हो कि वह अंतरराष्ट्रीय मंचों और खासकर विश्व स्वास्थ्य संगठन में कोरोना वायरस के फैलाव में चीनी प्रशासन की भूमिका को लेकर उठते सवालों से खुद को दूर रखे। भारत ने इन सवालों का साथ देकर बिल्कुल सही किया।इससे बुरी बात और कोई नहीं हो सकती कि एक ऐसे समय जब पूरी दुनिया कोरोना के कहर से निपटने की कोशिश कर रही है तब चीन दादागीरी दिखाने पर तुला हुआ है। यह अच्छा है कि भारतीय विदेश मंत्रलय ने यह स्पष्ट कर दिया कि वस्तुत: यह चीन ही है जो भारतीय सीमाओं का उल्लंघन कर रहा है, लेकिन इसमें संदेह है कि इस खरी बात से उसकी सेहत पर कोई असर पड़ेगा। वह भारत को तंग करने के लिए कुछ न कुछ खुराफात करता ही रहता है। रह-रहकर कश्मीर मसले को उछालते रहने के बाद चीन ने जिस तरह नेपाल सरकार को भारत के खिलाफ उकसाया उससे यही प्रकट होता है कि वह मित्र राष्ट्र की तरह व्यवहार करने के लिए तैयार नहीं।चीन अब तक किसी भी एक विषय पर अपनी एक राय रखता नज़र नहीं आता क्यूंकि भारत के साथ सीमा विवाद वही जानबूझकर शुरू करता है फिर जब उसे अपनी स्वार्थ सिद्धि होती नज़र नहीं आती तो फिर वह शांत होकर बैठ जाता है 


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