उत्तर प्रदेश में राज्य कर्मियों के 8 प्रकार के भत्तों को समाप्त किया गया 


उत्तर प्रदेश में राज्य कर्मियों के 8 प्रकार के भत्तों को समाप्त किया गया 
लखनऊ संवाददाता 
 प्रदेश की योगी सरकार ने पांच अलग-अलग शासनादेश जारी कर नगर प्रतिकर भत्ता और सचिवालय भत्ता समेत राज्य कर्मचारियों के आठ प्रकार के भत्तों को समाप्त कर दिया है। मंगलवार को जारी किये गए शासनादेशों में कहा गया है कि कोविड-19 महामारी के कारण राज्य सरकार के राजस्व में आयी कमी और कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए वित्तीय संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए उन भत्तों को समाप्त करने का फैसला किया गया है जो केंद्र सरकार में नहीं हैं या जिन्हें केंद्र सरकार ने समाप्त कर दिया है, लेकिन राज्य सरकार अब तक अपने कर्मचारियों को दे रही थी।भत्तों को खत्म करने से सरकार को सालाना 1500 करोड़ रुपये की बचत होने का अनुमान है।
भत्ते जो अब बंद हुए 
नगर प्रतिकर भत्ता।
सचिवालय भत्ता।
पुलिस विभाग के अपराध शाखा, अपराध अनुसंधान विभाग (सीबीसीआइडी), भ्रष्टाचार निवारण संगठन, आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग, सतर्कता अधिष्ठान, अभिसूचना विभाग, सुरक्षा शाखा और विशेष जांच शाखा में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों को स्वीकृत विशेष वेतन।
सभी विभागों में तैनात अवर अभियंताओं को 400 रुपये प्रतिमाह का विशेष भत्ता।
लोक निर्माण विभाग और समान अभियंत्रण विभागों में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों का रिसर्च भत्ता, अर्दली भत्ता और डिजाइन भत्ता।
सिंचाई विभाग और समान अभियंत्रण विभागों में तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों को दिया जाने वाला आइ एंड पी, परिकल्प भत्ता और अर्दली भत्ता।
भविष्य निधि लेखों का रखरखाव करने वाले कर्मचारियों को प्रोत्साहन भत्ता।
ई-गवर्नेंस के विकास के लिए सभी विभागों में विशेष सचिव और संयुक्त सचिव स्तर के दो अधिकारियों को अनुमन्य प्रोत्साहन राशि।


 


 



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