कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने कृषि, फसल बीमा और ऋण पर रणनीतिक साझेदारी के लिए यूएनडीपी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए


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 नईदिल्ली (पीआईबी) भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें यूएनडीपी केंद्र की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) और किसान क्रेडिट कार्ड - संशोधित ब्याज सब्वेन्शन योजना के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करेगा।

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर की उपस्थिति में पीएमएफबीवाई के सीईओ श्री रितेश चौहान और यूएनडीपी की रेजिडेंट रिप्रेजेंटेटिव सुश्री शोको नोडा द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। समझौता ज्ञापन के तहत, यूएनडीपी संयुक्त कृषि ऋण और फसल बीमा के कार्यान्वयन के लिए कृषि मंत्रालय को समर्थन देने के लिए सिस्टम में अपनी विशेषज्ञता और वैश्विक जानकारी से लाभान्वित करेगा। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी और कृषि सचिव श्री मनोज आहूजा भी समझौता इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।

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केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संबंधित संगठनों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा, “माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में, केंद्रीय कृषि मंत्रालय देश के करोड़ों किसानों के हित में योजनाओं को पूरी पारदर्शिता के साथ लागू कर रहा है। सभी किसानों को प्रत्यक्ष लाभ प्रदान किया जा रहा है।

श्री तोमर ने कहा, "किसानों ने पीएमएफबीवाई के तहत 21000 करोड़ रुपये का प्रीमियम चुकाया है, उन्हें मुआवजे के रूप में 1.15 लाख करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त हुए हैं। इससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पूरे कृषक समुदाय के हित में काम कर रही है। इसी तरह, किसान क्रेडिट कार्ड योजना में पूर्व में योजना का लाभ नहीं लेने वाले किसानों को लाभ दिलाने के लिए व्यापक प्रयास किये जा रहे हैं। सभी छोटे किसानों, पशुपालकों और मछुआरों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है।

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केसीसी-एमआईएसएस और पीएमएफबीवाई को पिछली योजनाओं के समस्याग्रस्त क्षेत्रों से निपटने और वांछित परिणाम प्राप्त करने के दौरान सभी हितधारकों के लिए बेहतर कार्यान्वयन विकल्प प्रदान करने वाली संरचना का मानचित्र तैयार करने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया था। इस आशय के लिए, योजनाओं में कई नए प्रावधान शामिल किए गए हैं। वर्तमान योजनाओं की एक सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे पूरे देश में समान रूप से लागू होती हैं और इनमें सभी फसलों को कवर करने का प्रावधान है।

समझौता ज्ञापन के अनुसार, यूएनडीपी कृषि ऋण और फसल बीमा के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए उत्तरदायी, मांग-संचालित तकनीकी सहायता प्रदान करेगा, साथ ही छोटे और सीमांत किसानों, महिला किसानों, बटाईदारों, काश्तकार और गैर-ऋणी किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए मौजूदा राष्ट्रीय और राज्य के संस्थानों को क्षमता विकास तथा सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) सहायता प्रदान करेगा।

यूएनडीपी के साथ इस रणनीतिक साझेदारी पर श्री तोमर ने कहा, "पिछले 4 वर्षों में यूएनडीपी द्वारा प्रदान की गई तकनीकी सहायता के अच्छे परिणाम मिले हैं। मुझे यकीन है कि इस साझेदारी के माध्यम से, हम फसल बीमा और कृषि ऋण योजनाओं के कार्यान्वयन में और भी बेहतर परिणाम प्राप्त करेंगे।"

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