जलवायु संकट पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के साथ मुंबई फर्स्ट की वापसी
सम्मेलन में तटीय शहरों के लिए जलवायु वित्त जुटाने पर जोर दिया जाएगा
महाराष्ट्र सरकार के पर्यटन और पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे की गरिमामय उपस्थिति इस कार्यक्रम में होगी
मुंबई, 06 मई, 2022: सार्वजनिक नीति थिंक टैंक और अलाभकारी संगठन, मुंबई फर्स्ट इस महीने दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन करेगा। इस सम्मेलन में मुंबई जैसे तटीय शहरों को जलवायु संकट के लिए लचीला बनाने में मदद करने के लिए जलवायु वित्त को जुटाने के महत्व की पड़ताल की जाएगी।
‘क्लाइमेट क्राइसिस 2.0: मोबिलाइजिंग फाइनेंस फॉर कोस्टल सिटीज' के बैनर तले, यह सम्मेलन महाराष्ट्र सरकार, यूरोपीय संघ, नॉलेज पार्टनर - नीदरलैंड्स के वाणिज्य दूतावास और मैकिंसी के सहयोग से मुंबई के ट्राइडेंट होटल में 12 और 13 मई को आयोजित किया जाएगा। इस बैठक में मुंबई जैसे शहरों में जलवायु-जोखिम और तटीय शहरों की अरक्षितता के प्रबंधन से लेकर जलवायु की दृष्टि से लचीले बुनियादी ढांचे के लिए वित्त जुटाने तक कई मुद्दों पर चर्चा और पड़ताल की जाएगी।
इस दो दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य इस बात पर एक उद्देश्यपूर्ण चर्चा करना है कि आने वाले दशक में मुंबई और एमएमआर (मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र) को जलवायु परिवर्तन के हमले से बचाने में मदद करने के लिए जलवायु वित्त कैसे महत्वपूर्ण है। इसका उद्देश्य निजी क्षेत्र के साथ राज्य सरकारों और नगरपालिकाओं की साझेदारी के निर्माण के लिए एक मंच प्रदान करना है ताकि जलवायु परिवर्तन के जोखिमों को कम करने और अनुकूलित करने के लिए हरित निवेश के अवसरों का पता लगाया जा सके।
सम्मेलन में महाराष्ट्र के पर्यटन और पर्यावरण मंत्री, आदित्य ठाकरे, उद्योगपति, राजनेता, शहरी योजनाकार, शिक्षाविद, सामाजिक और पर्यावरण वैज्ञानिक और पर्यावरणविद शामिल होंगे।
सम्मेलन में शामिल होने वाले गणमान्य व्यक्तियों में अग्रलिखित शामिल हैं:
• भारत में यूरोपीय संघ के राजदूत, श्री उगो एस्टुटो;
• श्री अशोक लवासा, वाइस प्रेसिडेंट, निजी क्षेत्र और पीपीपी, एशियाई विकास बैंक;
• डॉ. अतुल बगई, इंडिया हेड, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी);
• सुश्री वेंडी वर्नर, इंडिया कंट्री हेड, अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन);
• श्री रिचर्ड दमानिया, मुख्य अर्थशास्त्री, सस्टेनेबल डेवलपमेंट प्रैक्टिस ग्रुप, वर्ल्ड बैंक ग्रुप;
• सुश्री नीना फेंटन, हेड ऑफ रिजनल रिप्रजेंटेशन, दक्षिण एशिया, यूरोपीय इन्वेस्टमेंट बैंक;
• सुश्री प्रियंका चतुर्वेदी, सांसद, राज्यसभा।
मुंबई फर्स्ट के चेयरमैन, श्री नरिंदर नायर ने कहा, “ महामारी के बाद के काल में, शहरी जलवायु चुनौतियों से संबंधित मुद्दों का निपटारा और हल करना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। मुंबई हाल ही में 'जलवायु कार्य योजना' (क्लाइमेट एक्शन प्लान) तैयार करने और जारी करने वाला पहला भारतीय शहर बन गया जिसने पेरिस समझौते के अनुरूप मुंबई के लिए जोखिमों को स्वीकार किया है और उत्सर्जन में कमी लाने के लिए ठोस लक्ष्य निर्धारित किया है। जबकि यह योजना का शुरुआती बिंदु है, अब हमें प्रस्तावित परियोजनाओं और योजनाओं पर कार्रवाई करने के लिए निजी क्षेत्र और वैश्विक जलवायु वित्तपोषण संस्थानों के साथ उद्देश्यपूर्ण साझेदारी बनाने की आवश्यकता है। इस सम्मेलन के माध्यम से, 'मुंबई फर्स्ट' को समुद्र के बढ़ते स्तर से निपटने के लिए मुंबई और अन्य उष्णकटिबंधीय तटीय शहरों में अल्पीकरण योजनाओं और जलवायु - लचीला बुनियादी ढांचे को सुसाध्य बनाने पर चर्चा करने की उम्मीद है।"
फरवरी 2020 में समान तरह के कार्यक्रम के आयोजन के बाद, इस जलवायु सम्मेलन में यह भी रेखांकित किया जाएगा कि कैसे तापमान वृद्धि सिर्फ अभी शुरुआती अवस्था में है और पृथ्वी का पारिस्थितिक तंत्र एक नाजुक संतुलित, परस्पर जुड़े ढांचे का निर्माण करता है।
सम्मेलन में जलवायु अल्पीकरण और अनुकूलन रणनीतियों पर जापान, नीदरलैंड, श्रीलंका और सिंगापुर के महावाणिज्य दूतों की एक विशेष चर्चा आयोजित होगी। इस कार्यक्रम में ग्लोबल कोवेनैंट ऑफ मेयर्स फॉर क्लाइमेट एंड एनर्जी (जीसीओएम) के यूरोपीय संघ-वित्तपोषित परियोजना का शुभारंभ किया जाएगा। जीसीओएम, शहर के जलवायु नेतृत्व के लिए सबसे बड़ा वैश्विक गठबंधन है, जो 11,500 से अधिक शहरों और स्थानीय सरकारों की प्रतिबद्धता पर निर्मित है। इन दो दिनों में कई सत्र पर्यावरण प्रबंधन और नीतिगत मध्यस्थता से लेकर तकनीकी नवाचार और हरित वित्त तक बहस के विभिन्न पहलुओं की पड़ताल की जाएगी।
प्रायोजक:
जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन, ब्लू डार्ट, कॉनकास्ट इंडिया, इस सम्मेलन के सह - प्रायोजक हैं और एचएसबीसी, कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड, ऑल कार्गो लॉजिस्टिक्स और आईसीसीएसए इस सम्मेलन के अन्य समर्थक हैं।
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