कृषि एवं किसान कल्याण विभाग और अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई) ने आईआरआरआई दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (आईएसएआरसी) के चरण -2 की गतिविधियों के शुरू करने के समझौते पर हस्ताक्षर किए


 नईदिल्ली (पीआईबी)कृषि एवं किसान कल्याण विभाग (डीए एंड एफडब्ल्यू) और अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (आईआरआरआई) के बीच आईआरआरआई दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (आईएसएआरसी) के चरण -2 की गतिविधियों के शुरू होने पर आज एक समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए गए। इसका उद्देश्य दक्षिण एशियाई क्षेत्र में खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए मौजूदा साझेदारी को बढ़ाना है। इस समझौते पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग में सचिव श्री मनोज आहूजा और आईआरआरआई के महानिदेशक डॉ. जीन बाली ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।

आईएसएआरसी की स्थापना पांच साल पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद हुई थी। आईएसएआरसी ने चावल मूल्य संवर्धन उत्कृष्टता केंद्र (सीईआरवीए) भी स्थापित किया है जिसमें अनाज और पुआल में भारी धातुओं की स्थिति और उसकी गुणवत्ता निर्धारित करने की क्षमता वाली एक आधुनिक और परिष्कृत प्रयोगशाला शामिल है। सीईआरवीए की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक निम्न और एक मध्यम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) वाले चावल की किस्मों क्रमशः आईआरआरआई 147 (जीआई 55) और आईआरआरआई 162 (जीआई 57) का विकास है जो सीईआरवीए टीम और आईआरआरआई मुख्यालय के संयुक्त प्रयासों से संभव हो पाया। चूंकि अधिकांश चावल की किस्मों में जीआई अधिक होता है और अधिकांश भारतीय चावल का सेवन करते हैं, ऐसे में कम जीआई वाले चावल की किस्मों को लोकप्रिय बनाने से भारत में मधुमेह की बढ़ती प्रवृत्ति कम हो जाएगी।
प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने 23 दिसंबर, 2021 को वाराणसी में आईएसआरएसी में अत्याधुनिक स्पीड ब्रीडिंग सुविधा (स्पीड ब्रीड) का उद्घाटन किया। यह सुविधा फसलों के पौधा वृद्धि चक्र में तेजी लाने और सामान्य परिस्थितियों में चावल के पौधों को उन्नत बनाना संभव करने के लिए समर्पित है। यह लोकप्रिय भारतीय चावल की किस्मों में महत्वपूर्ण लक्षणों (जैसे, कम जीआई, जैविक और अजैविक दबाव) को कम समय में स्थानांतरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।



आईएसएआरसी कार्यक्रम के दूसरे चरण में बढ़ी हुई उत्पादकता प्रणाली, उपज की कमियों को घटाने, बढ़ा हुआ जलवायु समायोजन, मशीनीकृत एवं डिजिटल खेती,  बाजार से जुड़ाव में सुधार, महिलाओं एवं युवाओं के लिए उद्यमशीलता को संभव बनाने वाली आधुनिक मूल्य श्रृंखला और क्षमता विकास के जरिए किसानों की आय में वृद्धि, खाद्य और पोषण सुरक्षा में सुधार, स्वास्थ्य और छोटे / धारक किसानों की भलाई का प्रस्ताव है।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग में सचिव श्री मनोज आहूजा ने अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में कहा कि यह समझौता किसानों के कल्याण में बढ़ोतरी और भारत एवं शेष दक्षिण एशिया में खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में आगे काम करने का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने कहा कि आईआरआरआई, विशेष रूप से आईएसएआरसी लंबे समय से कृषि खाद्य क्षेत्र से संबंधित सबसे अधिक जरूरी मुद्दों से निपटने में भारत सरकार का सहयोगी रहा है।


इस अवसर पर अपने संबोधन में आईआरआरआई के महानिदेशक डॉ. जीन बाली ने कहा कि आईएसएआरसी फिलीपींस के बाहर दुनिया भर में आईआरआरआई का पहला और सबसे बड़ा शोध केंद्र है। उन्होंने कहा कि इस समझौते को जारी रखने से भारत और अफ्रीका सहित दक्षिण एशिया में चावल उगाने वाले देशों की फसल उत्पादन, बीज की गुणवत्ता और किसानों की आय वृद्धि की क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह चावल की खेती में पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को भी कम करेगा, और वैश्विक भूख से लड़ने तथा गरीबी को मिटाने में भी मदद करेगा।

दूसरे चरण के उद्देश्यों को हासिल करने के लिए जरूरी गतिविधियों को 5 वर्षों में तीन विषयगत क्षेत्रों जैसे (1) चावल मूल्य संवर्धन उत्कृष्टता केंद्र (सीईआरवीए); (2) सतत कृषि उत्कृष्टता केंद्र (सीईएसए) और (3) विकास के लिए नवाचार एवं अनुसंधान शिक्षा केंद्र (सीईआईआरडी) में ट्रांस डिसिप्लिनरी दृष्टिकोण और अत्याधुनिक तकनीकों का लाभ उठाते हुए पूरा किया जाएगा।



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