सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र को कृषि निर्यात हब के रूप में बढ़ावा देने के लिए रणनीति तैयार की

नईदिल्ली (पीआईबी)पूर्वोत्तर क्षेत्र ( एनई ) के राज्यों में उगाए जाने वाले बागवानी उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने अब स्थानीय रूप से उत्पादित कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत रणनीति तैयार की है। पूर्वोत्तर क्षेत्र भौगोलिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह चीन तथा भूटान, म्यांमार, नेपाल और बांग्ला देश के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमाएं साझा करता है जो इसे पडोसी देशों एवं साथ में विदेशी गंतव्य स्थानों को कृषि ऊपज के निर्यात के लिए संभावित हब बनाता है।
इसके परिणामस्वरूप, पिछले कुछ वर्षों में असम, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम एवं मेघालय जैसे पूर्वोत्तर क्षेत्र से कृषि ऊपज के निर्यात में उल्लेखनीय बढोतरी हुई है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में पिछले छह वर्षों के दौरान कृषि उत्पादों के निर्यात में 85.34 प्रतिशत की बढोतरी देखी गई है और यह वित्त वर्ष 2016-17 के 2.52 मिलियन डॉलर से बढ़ कर वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 17.2 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। बांग्ला देश, भूटान, मध्य पूर्व, ब्रिटेन, यूरोप पूर्वोत्तर क्षेत्र के उत्पादों के प्रमुख गंतव्य देश हैं।
संभावित मार्केट लिंकेज प्रदान करने के लिए, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद विकास प्राधिकरण ( एपीडा ) ने किसानों द्वारा अनुपालन की जाने वाली गुणात्मक खेती पद्धतियों के बारे में प्राथमिक जानकारी प्रदान करने के लिए आयातकों के लिए प्रक्षेत्र दौरों का आयोजन किया। ये आयातक मुख्य रूप से मध्य पूर्व, सुदूर पूर्वी देशों तथा यूरोपीय राष्ट्रों और ऑस्ट्रेलिया आदि देशों के थे।
पिछले तीन वर्षों में, एपीडा ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में निर्यात जागरूकता पर 136 क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का आयोजन किया। सबसे अधिक 62 क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का आयोजन पूर्वोत्तर क्षेत्र में वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान किया गया जबकि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 21 और वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 53 ऐसे क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का आयोजन एपीडा द्वारा किया गया। क्षमता निर्माण पहलों के अतिरिक्त, एपीडा ने पिछले तीन वर्षों के दौरान पूर्वोत्तर क्षेत्र में 22 अंतरराष्ट्रीय क्रेता विक्रेता बैठकों तथा व्यापार मेलों के आयोजन को भी सुगम बनाया।
एपीडा ने असम तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र के पड़ोसी राज्यों के जैविक कृषि उत्पादों की प्रचुर निर्यात क्षमता का दोहन करने के लिए 24 जून, 2022 को गुवाहाटी में प्राकृतिक, जैविक तथा भौगोलिक संकेतकों ( जीआई ) की निर्यात क्षमता पर सम्मेलन का आयोजन भी किया।

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