प्रदीप रघुवंशी
मिर्जापुर।कोलाघाट रास्ते से जलालाबाद आने जाने बाले यात्रियों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।जान जोखिम मे डालकर रामगंगा नदी को पार करते हैं यात्री।दो बार नाव पलटने के बाद भी ओवर सवारियां भरने से बाज नहीं आ रहे नाविक।जिससे कभी भी हो सकता है बडा हादसा।
मिर्जापुर जलालाबाद मार्ग पर कोलाघाट मे रामगंगा तथा वहबुल नदियों पर बना पक्का पुल का एक पिलर 29 नवंबर 2021को जमीन मे धस जाने से पुल धराशायी हो गया था जिससे मिर्जापुर कलान के वासियों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया था।लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद के सख्त निर्देशों पर विभाग द्वारा अस्थायी पैंटून पुल बनवाया गया था जिसको पिछले सप्ताह तोड दिया गया।
रामगंगा नदी पर बने अस्थायी पैंटून पुल के तोड दिये जाने के बाद यात्रियों के नदी पार करने के लिये आज तक विभाग द्वारा नाव की व्यवस्था नहीं की जा सकी है।रामगंगा नदी मे नाविक अपनी निजी मोटरवोट चला रहे है जो काफी छोटे हैं।सरकारी नाव न होने के कारण जलालाबाद जाने आने बाले लोगों को मजबूरन जान जोखिम मे डालकर यात्रा करनी पड रही है नाविक अपनी अपनी नावों मे क्षमता से अधिक सवारियां भरने के साथ साथ आधा दर्जन से अधिक बाइकें लाद लेते है जिससे हर समय दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।इस संबंध मे जब भी लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से जब भी बात की गयी तो उन्होंने अपने स्तर का मामला न होने की बात को कहकर पल्ला झाड लिया।जबकि कोलाघाट पर रामगंगा नदी मे पैंटून पुल बनने से पहले भी कई बार यह मोटरवोट पलट गयीं थी और अब पुल टूट जाने के बाद भी दो बार नाव पलट चुकी है गनीमत यह रही कि नदी मे जल का जल स्तर कम होने के कारण सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया था। अगर समय रसते ओवर सवारियों के भरने पर रोक न लगायी गयी तो कभी भी बडा हादसा हो सकता है।
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