संस्कृति मंत्रालय ने रसायन शास्त्र विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय और विज्ञान भारती (विभा) के साथ मिलकर दिल्ली में दिल्ली विश्वविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग में "आचार्य प्रफुल्ल चन्द्र रे के एक रसायनशास्त्री और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के तौर पर योगदान" विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के बारे में अग्रिम जानकारी देने वाले कार्यक्रम का आयोजन किया।

 


इस कार्यक्रम का शुभारंभ दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेज डीन प्रोफेसर बलराम पाणि ने किया जबकि रसायन शास्त्र विभाग के प्रमुख प्रोफेसर अशोक प्रसाद ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उन्होंने आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे के वैज्ञानिक योगदान के बारे में श्रोताओं को बताया। इनसा के कार्यकारी निदेशक और विज्ञान भारती के सचिव डॉक्टर अरविंद रानाडे ने श्रोताओं को आचार्य रे के सामाजिक योगदान से अवगत कराया।यह सम्मेलन आचार्य प्रफुल्ल कुमार रे की 161वें जन्म समारोह पर 2 से 3 अगस्त, 2022 के बीच आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित होगा। अपनी स्थापना का 100वां वर्ष मना रहा रसायन शास्त्र विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय और विज्ञान भारती के अलावा, इंद्रप्रस्थ विज्ञान भारती, नई दिल्ली तथा भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के साथ साझे तौर पर इस सम्मेलन का आयोजन करवा रहा है।

आचार्य प्रफुल्ल चन्द्र रे की 161वीं जयंती पर आयोजित हो रहे इस दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य समाज के लिए किए गए आचार्य रे के योगदान और उनकी विरासत को विस्तार देना व प्राचीन रसायन शास्त्र के बारे में आम जागरूकता व उसकी अहमियत की जानकारी को बढ़ाना है। यह सौभाग्य ही है कि भारत सरकार का शिक्षा मंत्रालय 80 के दशक के पारंपरिक सिद्धांतों का 21वीं सदी के महत्वकांक्षी लक्ष्यों के साथ मेल करवाने के लिए पाठयक्रम में बदलाव कर रहा है। इस दौरान यह भारतीय परंपरा और मूल्यों के ढांचे को भी मजबूती दे रहा है। इसकी विस्तृत जानकारी www.pcray.in. पर उपलब्ध है।




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