महिला और बाल विकास मंत्रालय ने महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण के उद्देश्य से 'मिशन शक्ति' के लिए विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 'मिशन शक्ति' योजना के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं। भारत सरकार ने 15वें वित्त आयोग की अवधि 2021-22 से 2025-26 के दौरान कार्यान्वयन के लिए महिलाओं की सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण के लिए विशिष्ट योजना के रूप में 'मिशन शक्ति' के नाम से एकीकृत महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम शुरू किया है। 'मिशन शक्ति' के मानदंड 01.04.2022 से लागू होंगे। 'मिशन शक्ति' मिशन मोड में एक योजना है जिसका उद्देश्य महिला सुरक्षा, संरक्षा और सशक्तिकरण के लिए समर्थन को मजबूत बनाना है। यह योजना संपूर्ण जीवन चक्र में महिलाओं को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर विचार करने और उनके जीवन में बदलाव लाएगी तथा उन्हें नागरिक-स्वामित्व के माध्यम से राष्ट्र-निर्माण में समान भागीदार बनाएगी। इस तरह यह योजना सरकार की "महिलाओं के विकास" की प्रतिबद्धता को साकार रूप देगी। योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने, हिंसा और खतरे से मुक्त माहौल में अपने मस्तिष्क और शरीर के बारे में स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने को प्रेरित किया जाएगा। योजना के तहत महिलाओं पर देखभाल के बोझ को कम करने और कौशल विकास, क्षमता निर्माण, वित्तीय साक्षरता, सूक्ष्म ऋण प्राप्त करने तक उनकी पहुंच बढ़ाकर महिला श्रम बल की भागीदारी को बढ़ाने का भी प्रयास किया जाएगा। 'मिशन शक्ति' की दो उप-योजनाएं हैं- 'संबल' और 'सामर्थ्य'। जहां "संबल" उप-योजना महिलाओं की सुरक्षा के लिए है, वहीं 'सामर्थ्य' उप-योजना महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए है। 'संबल' उप-योजना के घटकों में नारी अदालतों के एक नए घटक के साथ वन स्टॉप सेंटर (ओएससी), महिला हेल्पलाइन (डब्ल्यूएचएल), बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) की पूर्ववर्ती योजनाएं शामिल हैं- इसके अलावा यह योजना समाज और परिवार के भीतर वैकल्पिक विवाद के समाधान एवं लैंगिक न्याय को बढ़ावा देने का काम करेगी।

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