नईदिल्ली (वार्ता) केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
राज्यमंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार ने भारत में स्वास्थ्य सेवा का सार्वजनिक
बुनियादी ढांचा मजबूत करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति पर बल देते हुए
गुरुवार को कहा कि इसके लिए क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर
प्रयास करने होंगे।डॉ पवार ने आज ओमान के मस्कट में 'एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध पर तीसरे
वैश्विक मंत्रि-स्तरीय सम्मेलन' को संबोधित करते हुए कहा कि
एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध- एएमआर एक मूक और अदृश्य महामारी है जिसे जन
स्वास्थ्य प्राथमिकताओं से कम नहीं किया जा सकता। उन्होंने राष्ट्रीय,
क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर राजनीतिक समर्थन प्राप्त करने की आवश्यकता को
दोहराया और कहा कि एएमआर की व्यापकता और उसके बाद के घातक प्रभावों से
निपटने की तैयारियां की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस एएमआर को गंभीर स्वास्थ्य, राजनीतिक और आर्थिक प्रभावों
के साथ वैश्विक स्वास्थ्य खतरे के रूप में पहचाना जाना चाहिए।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में एएमआर का मुकाबला करना राष्ट्रीय
स्वास्थ्य एजेंडे में प्रमुखता से शामिल है और जागरूकता और क्षमता निर्माण,
प्रयोगशाला मजबूत बनाने, निगरानी, संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण,
रोगाणुरोधी सोच और नयी दवाओं, निदान और नवाचारों पर अनुसंधान की विभिन्न
पहलों ने सफलता प्राप्त की है।डॉ. पवार ने वर्तमान में वैश्विक एएमआर सम्मेलन और 2024 में संयुक्त
राष्ट्र महासभा में एएमआर पर आगामी उच्च स्तरीय बैठक तैयारी करने पर बल
दिया।सम्मेलन में विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अदनोम
घेब्येयियस तथा संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन के महानिदेशक क्यू
डोंगयु भी मौजूद रहे। सम्मेलन में 15 से अधिक देशों के 22 प्रतिभागियों ने
भाग लिया।
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