भारत के 53वें अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में इजरायल के निर्देशक, लेखक और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता ज्यूरी के अध्यक्ष नादव लापिड ने कहा कि फिल्म महोत्सव का मुख्य विचार सिनेमा की केवल एक दृष्टि को प्रस्तुत करना नहीं है, बल्कि विभिन्न विकल्पों को सामने लाना है। वे फिल्म महोत्सव के दौरान पीआईबी द्वारा आयोजित आईएफएफआई टेबल टॉक्स में मीडिया और प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर रहे थे।
नादव लापिड ने कहा कि हालांकि अब कई फिल्म महोत्सव हाइब्रिड मोड में आयोजित किए जा रहे हैं, लेकिन बड़े पर्दे पर फ़िल्में देखना ज्यादा खूबसूरत है। उन्होंने कहा, "बड़े पर्दे पर एक साथ अच्छी फिल्में देखना मानवता की सर्वोच्च उपलब्धियों में से एक है।"
अन्य फिल्म समारोहों के साथ आईएफएफआई की तुलना के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में नादव लापिड ने कहा कि प्रत्येक फिल्म महोत्सव अपने तरीके से अद्वितीय और अलग है, इसलिए उनकी तुलना करना मुश्किल है। ज्यूरी ने अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता खंड में फिल्मों की गुणवत्ता पर संतोष व्यक्त किया, लेकिन इस बात पर सहमति व्यक्त की कि चयन में सुधार की गुंजाइश हमेशा बनी रहती है।
ज्यूरी सदस्य और फ्रांस के डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माता जेवियर एंगुलो बारटुरेन ने कहा कि उन्हें आईएफएफआई में भीड़ भरे सभागारों और सिनेमा के बारे में चर्चा करने वाले लोगों को देखकर प्रसन्नता हुई। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि लोगों को बड़े पर्दे पर फिल्में देखनी चाहिए।
भारत के ज्यूरी सदस्य, लेखक और निर्देशक सुदीप्तो सेन ने सुझाव दिया कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ फिल्में आएं, एक स्थायी कार्यक्रम-निर्माता को नियुक्त किये जाने की जरूरत है, क्योंकि यह पूरे वर्ष की प्रक्रिया होती है। उन्होंने इस वर्ष समग्र 360 डिग्री फिल्म समारोह आयोजित करने के लिए आईएफएफआई के आयोजकों को बधाई दी। सुदीप्तो सेन ने कहा, "यह अब तक का सबसे अच्छा आयोजित आईएफएफआई है, जिसे मैंने देखा है। एक देश के रूप में भारत की विविधता, रंग और प्रस्तुति सब कुछ बहुत अच्छा था। महोत्सव के विभिन्न पहलुओं पर विचार करते हुए, मैं निश्चित रूप से कह सकता हूं कि आईएफएफआई कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोहों के बराबर है। आईएफएफआई एक महोत्सव के रूप में परिपक्व हो गया है।“ उन्होंने आने वाले वर्षों में आईएफएफआई में पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर एक अनुभाग की जरूरत पर भी जोर दिया।
फिल्मों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के बारे में बात करते हुए, जूरी के सदस्य एवं फ्रांस के फिल्म संपादक पास्कल चावांस ने कहा कि भले ही उन्होंने कई अच्छी अभिनेत्रियों को देखा है, लेकिन उन्हें दी जाने वाली भूमिकाएं बहुत ज्यादा सम्मानजनक नहीं हैं। इस अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता जूरी में संयुक्त राज्य अमेरिका के एनीमेशन फिल्म निर्माता जिन्को गोटोह भी शामिल थे। इस बातचीत में शामिल हुए एनएफडीसी के प्रबंध निदेशक रविंदर भाकर ने कहा कि इफ्फी समुद्र तट की स्वच्छता से संबंधित एक अभियान से भी जुड़ा हुआ है, जिसकी शुरुआत 28 नवंबर 2022 की सुबह पणजी के मीरामार समुद्र तट से होगी।
इस वर्ष इफ्फी में प्रतिष्ठित स्वर्ण मयूर पुरस्कार के लिए पंद्रह फिल्में प्रतिस्पर्धा कर रही हैं। सर्वश्रेष्ठ फिल्म के अलावा, अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता जूरी सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (पुरुष), सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (महिला) और विशेष जूरी पुरस्कारों का चयन करेगी। जूरी सात विभिन्न निर्देशकों द्वारा बनाई गई पहली अंतरराष्ट्रीय व भारतीय फिक्शन फीचर के संग्रह में से किसी निर्देशक की सर्वश्रेष्ठ पहली फीचर फिल्म का भी चयन करेगी।
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