केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने तीसरे वैश्विक उच्च-स्तरीय मंत्रिस्तरीय पूर्ण समूह की बैठक में कहा कि "रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एंटी-माइक्रोबियल रेजिस्टेंस – एएमआर) एक ऐसी अप्रकट और अदृश्य महामारी है जिसे अन्य प्रतिस्पर्धी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राथमिकताओं से कम नहीं किया जा सकता है।" मस्कट, ओमान में आज एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध पर आयोजित सम्मेलन में 15 से अधिक देशों के 22 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में चतुष्पक्षीय (क्वाडरीपार्टाइट) संगठनों द्वारा एएमआर पर बहु –हितधारक सहयोग (मल्टी-स्टेकहोल्डर पार्टनरशिप) प्लेटफॉर्म का शुभारंभ किया गया।
रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एंटी-माइक्रोबियल रेजिस्टेंस – एएमआर) की व्यापकता और उसके बाद के घातक प्रभावों पर जोर देते हुए, उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि एएमआर को गंभीर स्वास्थ्य, राजनीतिक और आर्थिक प्रभावों के साथ वैश्विक स्वास्थ्य खतरे के रूप में पहचाना जाता है।
डॉ. पवार ने संयुक्त राष्ट्र महासभा, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और सदस्य देशों को एएमआर पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बधाई दी और कहा कि कि "यह ध्यान देने योग्य है कि एएमआर को संयुक्त राष्ट्र महासभा, डब्ल्यूएचओ और सदस्य देशों द्वारा पहले ही प्राथमिकता दी जा चुकी है।" साथ ही उन्होंने चतुष्पक्षीय (क्वाडरीपार्टाइट) संगठनों - खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ), विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूओएएच) और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना भी कीI
एएमआर से निपटने में भारत द्वारा उठाए गए कदमों पर ध्यान केंद्रित करते हुए स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एएमआर को संबोधित करने के लिए विभिन्न पहल की गई हैं। भारत ने 2016 में नई दिल्ली में रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एंटी-माइक्रोबियल रेजिस्टेंस – एएमआर) सम्मेलन का आयोजन किया था। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि एएमआर का मुकाबला करना राष्ट्रीय स्वास्थ्य एजेंडे में प्रमुखता से शामिल है और आगे उल्लेख किया कि जागरूकता और क्षमता निर्माण, प्रयोगशाला को मजबूत बनाने, निगरानी, संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण, रोगाणुरोधी नेतृत्व और नई दवाओं, निदान और नवाचारों पर अनुसंधान के माध्यम उच्चतम स्तर पर राजनीतिक इच्छाशक्ति से की गई विभिन्न पहलों ने सफलता प्राप्त की है।
स्वास्थ्य राज्य मंत्री महोदय ने उन सभी 11 सदस्य देशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के सहयोग पर जोर दिया जिन्होंने 2011 में एएमआर पर जारी उस जयपुर घोषणा पर हस्ताक्षर किए थे जो रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एंटी-माइक्रोबियल रेजिस्टेंस – एएमआर) की रोकथाम के लिए एक स्वास्थ्य दृष्टिकोण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और राजनीतिक समर्थन को दर्शाता है।
डॉ. पवार ने वर्तमान में वैश्विक एएमआर सम्मेलन और 2024 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में एएमआर पर आगामी उच्च जिससे स्तरीय बैठक द्वारा शुरू की गई प्रगति को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से आगे की कार्रवाई करने पर भी जोर दिया, जो सभी स्तरों पर राजनीतिक समर्थन को मजबूत करने का काम हो सकेगा।
इस अवसर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महा निदेशक डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्येरियस, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के महानिदेशक, क्यू डोंगयु, संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और डॉ. हिलाल अल सबती, ओमान सल्तनत के स्वास्थ्य मंत्री, तथा ओमान सल्तनत के कृषि, मत्स्य धन और जल संसाधन मंत्री सऊद अल हब्सी तथा नीदरलैंड्स के स्वास्थ्य, कल्याण और खेल मंत्री, अर्न्स्ट कुइपर्स, स्वास्थ्य, कल्याण और खेल मंत्री, के अलवा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे ।
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