आईएनएएस 334 'सीहॉक्स' हेलीकॉप्टर का कमीशनिंग समारोह

नईदिल्ली (पीआईबी)भारतीय नौसेना का पहला एमएच 60आर स्क्वाड्रन आईएनएएस 334 'सीहॉक्स' 06 मार्च 2024 को कोच्चि में दक्षिणी नौसेना कमान के आईएनएस गरुड़ पर नौसेना स्टाफ (सीएनएस) के प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार की उपस्थिति में कमीशन किया गया था। एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में कैप्टन एम अभिषेक राम की कमान वाले पहले एमएच 60आर नेवल एयर स्क्वाड्रन में इन बहुउद्देश्यीय और सक्षम हेलीकॉप्टरों को औपचारिक रूप से शामिल किया गया।कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने पर नौसेना के प्रमुख को 50 नौसैनिकों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। कमीशनिंग समारोह मंगलाचरण के पाठ के साथ शुरू हुआ और उसके बाद कमांडिंग ऑफिसर द्वारा स्क्वाड्रन के कमीशनिंग वारंट को पढ़ा गया। तत्पश्चात, दक्षिणी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वी एडमिरल वी श्रीनिवास की उपस्थिति में नौसेना के प्रमुख द्वारा कमीशनिंग पट्टिका का अनावरण किया गया। इस समारोह को ऐतिहासिक दिन के रूप में स्मरणीय बनाने के लिए सीहॉक्स के गठन और पारंपरिक जल तोप सलामी द्वारा एक शानदार फ्लाई-पास्ट का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में वाइस एडमिरल संजय जे सिंह, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ पश्चिमी नौसेना कमान, वी एडमिरल तरुण सोबती, नौसेना स्टाफ के उप प्रमुख, वी एडमिरल एएन प्रमोद, महानिदेशक नौसेना संचालन और अन्य फ्लैग अधिकारी तथा वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।नौसेना प्रमुख ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एमएच 60आर हेलीकॉप्टर को विश्व के शक्तिशाली बहुउद्देश्यीय हेलीकॉप्टरों में से एक बताया, जो देश की समुद्री क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएगा और राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित करेगा। ​​भारतीय नौसेना की भूमिका को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा है कि हमारी राष्ट्र के प्रति एक स्पष्ट प्रतिबद्धता है, जो विशेषकर समुद्री क्षेत्र में राष्ट्रीय हितों की रक्षा, संरक्षण, प्रचार और आगे बढ़ाने की भावना के अनुकूल है। नौसेना प्रमुख ने बताया कि अपने अत्याधुनिक सेंसर और बहु-मिशन क्षमताओं के साथ, एमएच 60आर में वृद्धि होगी और ये हमारी समुद्री निगरानी व पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को बढ़ाएंगे।  नौसेना प्रमुख ने आईएनएएस 334 को शामिल करने के लिए 'सीहॉक्स' के अधिकारियों एवं नाविकों की सराहना की और बेड़े के साथ पूरी तरह से एकीकृत होने में स्क्वाड्रन द्वारा की गई तेज गति की कार्रवाई पर प्रकाश डाला। उन्होंने आईएनएएस 334 के चालक दल से उत्कृष्टता के लिए प्रयास जारी रखने और देश की जल सीमा को सुरक्षित, संरक्षित तथा स्थिर रखने के उद्देश्य से मिशन पूरे करने के लिए तैयार रहने का आग्रह किया।

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