बांग्लादेश के प्रशासनिक अधिकारियों के लिए दो सप्ताह के 71वें क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आज मसूरी के एनसीजीजी में उद्घाटन किया गया

नईदिल्ली (पीआईबी)बांग्लादेश के प्रशासनिक अधिकारियों के लिए दो सप्ताह के 71वें क्षमता निर्माण कार्यक्रम ( सीबीपी ) की आज राष्ट्रीय सुशासन केंद्र ( एनसीजीजी )  में शुरुआत हुई। इस कार्यक्रम का आयोजन विदेश मंत्रालय ( एमईए ) की साझीदारी में 4 मार्च, 2024 से 15 मार्च, 2024 तक किया जा रहा है। नई दिल्ली और मसूरी में आयोजित किए जाने वाले इस कार्यक्रम में उप सचिवों, उप जिला निर्बाही अधिकारियों, अपर उपायुक्त, वरिष्ठ सहायक आयुक्त तथा सहायक आयुक्त के रूप में कार्य कर रहे 43 अधिकारी भाग ले रहे हैं।69वें और 70वें क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के सफल आयोजन के साथ, एनसीजीजी ने बांग्लादेश के 2500 प्रशासनिक अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का संचालन करने की एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। बांग्लादेश के कुल 2600 प्रशासनिक अधिकारियों को एनसीजीजी में क्षमता निर्माण कार्यक्रम प्रदान किए गए हैं। बांग्लादेश के प्रशासनिक अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों का आयोजन विदेश मंत्रालय के आईटीईसी कार्यक्रम के तहत किया जा रहा है जिसका कार्यान्वयन बांग्लादेश की सरकार के साथ हुए एनसीजीजी के एमओयू के माध्यम से किया जा रहा है। 1,500 प्रशासनिक अधिकारियों के लिए सीबीपी के पहले चरण के संपन्न होने के बाद एनसीजीजी ने 2025 तक अतिरिक्त 1,800 प्रशासनिक अधिकारियों की क्षमता बढ़ाने के लिए बांग्लादेश की सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। एनसीजीजी ने अभी तक बांग्लादेश के 983 अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया है।उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता राष्ट्रीय सुशासन केंद्र ( एनसीजीजी ) के महानिदेशक ( डीजी )  तथा भारत सरकार के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग ( डीएआरपीजी ) के सचिव श्री वी श्रीनिवास ने की जिन्होंने प्रभावी शासन में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन ‘‘ के मंत्र को उद्धृत करते हुए इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्र इस अर्जित करने की दिशा में किस प्रकार प्रयत्न कर रहा है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों के माध्यम से हमारा लक्ष्य अखिल भारतीय सुशासन प्रथाओं का प्रदर्शन करके अधिकारियों को सशक्त बनाना है और साथ ही उस तरीके पर व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना है जिसमें राज्य और केंद्र दोनों ही स्तरों पर सचिवालय कार्य करते हैं।एसोसिएट प्रोफेसर और पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ. ए.पी. सिंह ने राष्ट्रीय सुशासन केंद्र की पृष्ठभूमि और गतिविधियों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि दो सप्ताह का प्रशिक्षण कार्यक्रम उभरते शासन परिदृश्य के साथ डिजाइन किया गया है, जो तकनीकी प्रगति पर ध्यान केंद्रित करता है जो नागरिकों को सशक्त बनाता है, जवाबदेही सुनिश्चित करता है और दैनिक कार्यों में पारदर्शिता लाता है। उन्होंने यह भी बताया कि विदेश मंत्रालय के साथ साझेदारी में एनसीजीजी ने 17 देशों के प्रशासनिक अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया है। संपूर्ण क्षमता निर्माण कार्यक्रम की देखरेख डॉ. ए.पी. सिंह, पाठ्यक्रम समन्वयक, डॉ. संजीव शर्मा, एसोसिएट कोर्स समन्वयक, डॉ. मुकेश भंडारी, एसोसिएट कोर्स समन्वयक, श्री संजय दत्त पंत, कार्यक्रम सहायक और एनसीजीजी की क्षमता निर्माण टीम द्वारा की जाएगी।

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