लखनऊ, (वार्ता) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर
प्रदेश सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार
में मंगलवार को चार नये मंत्रियों ने शपथ ली।राजभवन में एक सादे समारोह में राज्यपाल आनदीबेन पटेल ने सुहेलदेव भारतीय
समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष एवं विधायक ओम प्रकाश राजभर, भारतीय जनता
पार्टी (भाजपा) के विधान परिषद सदस्य दारा सिंह चौहान, राष्ट्रीय लोकदल
(रालोद) में मुजफ्फरनगर के पुरकाजी क्षेत्र के विधायक अनिल कुमार और
गाजियाबाद जिले की साहिबाबाद विधानसभा सीट से विधायक सुनील शर्मा को मंत्री
पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य,
ब्रजेश पाठक समेत योगी मंत्रिमंडल के कई सदस्य और भाजपा के पदाधिकारी मौजूद
रहे।जहूराबाद सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले ओम प्रकाश राजभर और समाजवादी
पार्टी (सपा) छोड़ कर कुछ महीने पहले भाजपा में वापसी करने वाले दारा सिंह
चौहान को मंत्री बनाये जाने की अटकलें काफी समय से लगायी जाती रही हैं वहीं
हाल ही में सपा गठबंधन से किनारा कर भाजपा का समर्थन करने वाले रालोद के
विधायक अनिल कुमार को मंत्री पद के लिये ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा। ऐसा
ही भाजपा विधायक सुनील शर्मा के साथ भी हुआ है।
राजभर योगी सरकार के पहले कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री थे और उन्हे
दिव्यांग कल्याण विभाग का दायित्व सौंपा गया था मगर 2019 के लोकसभा चुनाव
से पहले कुछ मतभेदों के बाद उन्होंने भाजपा से किनारा कर समाजवादी पार्टी
(सपा) के साथ गठबंधन कर लिया था।
2022 के विधानसभा चुनावों के बाद, उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश के साथ
मतभेदों का हवाला देते हुए सपा से गठबंधन तोड़ दिया और राष्ट्रीय
जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में फिर से शामिल हो गए। राजग में उनकी दोबारा
एंट्री के बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि उन्हें कैबिनेट मंत्री
बनाया जा सकता है।
इसी तरह, दारा सिंह चौहान भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल
में वन मंत्री के पद पर काम कर चुके हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक
पहले उन्होने मंत्री पद और भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया
और सपा में शामिल हो गये।
बाद में दारा सिंह ने सपा उम्मीदवार के रूप में घोसी सीट से चुनाव लड़ा और
विजयी हुए। हाल ही में उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्यता और सपा
की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और दोबारा भाजपा में शामिल हो गए।
उन्होंने भाजपा उम्मीदवार के रूप में घोसी सीट के लिए उपचुनाव लड़ा, जो
उनके इस्तीफे के कारण रिक्त हुई थी लेकिन उन्हे हार का सामना करना पड़ा।
इसके बाद उन्होंने भाजपा उम्मीदवार के रूप में विधान परिषद के लिए
द्विवार्षिक चुनाव जीता।
मंत्री पद की शपथ लेने वाले अनिल कुमार मुजफ्फनगर जिले की पुरकाजी सीट से तीन बार रालोद के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं।
गौरतलब है कि लंबे समय से सपा के साथ गठबंधन कर रहे रालोद प्रमुख जयंत
चौधरी ने अखिलेश यादव से नाता तोड़ लिया और रालोद के पाले में चले गये।
अनिल कुमार को जयंत चौधरी का करीबी माना जाता है। इंटरमीडिएट पास अनिल
कुमार मूल रूप से सहारनपुर के ताहरपुर के निवासी है। वह दो बार 2007 एवं
2012 में मुजफ्फरनगर की चरथावल (सुरक्षित) सीट से बसपा विधायक चुने गए थे
पर 2017 में वह पुरकाजी (सुरक्षित) सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रमोद ऊंटवाल
से पराजित हो गए थे मगर 2022 के चुनाव में उन्होंने भाजपा के प्रमोद ऊंटवाल
को पराजित कर दिया।
सुनील शर्मा गाजियाबाद जिले की साहिबाबाद सीट से विधायक हैं। तीन बार के
विधायक शर्मा को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सीएम योगी का करीबी माना जाता
है।
Post a Comment