सरकार ने श्री बेंजामिन एल. ट्लुमटिया को मणिपुर और मिजोरम के लिए संयुक्त विद्युत नियामक आयोग के सदस्य के रूप में नियुक्त किया

 नईदिल्ली (पीआईबी)श्री बेंजामिन एल ट्लुमटिया ने मणिपुर और मिजोरम के लिए संयुक्त विद्युत नियामक आयोग के सदस्य के रूप में कार्यभार संभाला है। उन्हें आज यानी 7 मार्च, 2024 को केंद्रीय विद्युत और नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। श्री ट्लुमटिया को पद और गोपनीयता की शपथ वर्चुअल माध्यम से दिलाई गई और केंद्रीय मंत्री नई दिल्ली स्थित विद्युत मंत्रालय के कार्यालय से इसमें शामिल हुए।

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मणिपुर और मिजोरम के लिए संयुक्त विद्युत नियामक आयोग (जेईआरसी) का गठन विद्युत अधिनियम- 2003 के प्रावधानों और मणिपुर व मिजोरम की सरकारों की ओर से जेईआरसी गठित करने को लेकर भारत सरकार को अधिकृत करने के लिए दोनों राज्य सरकारों की ओर से हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओए) के अनुरूप किया गया है। यह दो सदस्यीय आयोग है और हर एक सदस्य संबंधित भागीदार राज्य का प्रतिनिधित्व करता है। वहीं, केंद्र सरकार विद्युत अधिनियम- 2003  के प्रावधानों के तहत और एमओए के अनुरूप दोनों पक्षों यानी मणिपुर और मिजोरम से आयोग के सदस्यों की नियुक्ति करती है।

समझौता ज्ञापन (एमओए) के प्रावधानों के अनुसार श्री ट्लुमटिया को मिजोरम की ओर से पांच साल की अवधि या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, के लिए सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है।

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श्री ट्लुमटिया ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में मास्टर ऑफ साइंस और बी.टेक की पढ़ाई की है। इससे पहले वे मार्च 2022 से मिजोरम के विद्युत और ऊर्जा विभाग में सुपरिटेंडिंग इंजीनियर (वाणिज्यिक) के रूप में कार्यरत थे। वहीं, वे नवंबर, 2014 से मार्च, 2022 तक इसी विभाग में वरिष्ठ कार्यकारी इंजीनियर के पद की जिम्मेदारी संभाली थी। इससे पहले श्री ट्लुमटिया नवंबर, 2009 से नवंबर, 2014 तक कार्यकारी अभियंता और साल 2003 से नवंबर, 2009 तक परियोजना अधिकारी के रूप में कार्यरत रहे थे।

विद्युत अधिनियम के तहत आयोग के कई प्रमुख कार्य हैं। इनमें राज्य में बिजली का उत्पादन, आपूर्ति, ट्रांसमिशन और व्हीलिंग, थोक बिक्री, थोक या खुदरा के लिए टैरिफ को विनियमित करना, क्योंकि मामला राज्य के अंदर का हो सकता है, वितरण लाइसेंसधारियों की विद्युत खरीद को विनियमित करना, अंतर-राज्य ट्रांसमिशन और विद्युत के व्हीलिंग की सुविधा, ट्रांसमिशन लाइसेंसधारियों, वितरण लाइसेंसधारियों और विद्युत व्यापारियों को लाइसेंस जारी करना, ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों से सह-उत्पादन और विद्युत उत्पादन को बढ़ावा देना तथा लाइसेंसधारियों और उत्पादन कंपनियों के बीच उत्पन्न विवादों पर अपना निर्णय देना आदि शामिल है।

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