विद्युत मंत्रालय के अधीन एक महारत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम और एक अग्रणी गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनी (नॉन-बैंकिंग फाइनेंसियल कम्पनी-एनबीएफसी), ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कारपोरेशन-आरईसी) लिमिटेड को 'आउटलुक प्लैनेट सस्टेनेबिलिटी समिट एंड अवार्ड्स 2024' में 'सस्टेनेबिलिटी चैंपियन - एडिटर्स च्वाइस अवार्ड' से सम्मानित किया गया है। पुरस्कार समारोह का आयोजन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) गोवा के सहयोग से आउटलुक ग्रुप द्वारा किया गया था।यह पुरस्कार स्थिरता पहल के प्रति ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कारपोरेशन-आरईसी) की प्रतिबद्धता और हरित भविष्य की दिशा में प्रगति को आगे बढ़ाने के उसके प्रयासों को मान्यता देता है। यह पुरस्कार निगम की स्थिरता पहल की उस प्रतिज्ञा को उजागर करता है, जो हरित भविष्य की ओर अग्रसर है।आरईसी के मुंबई कार्यालय की वरिष्ठ महाप्रबंधक श्रीमती सरस्वती ने गोवा में आयोजित एक कार्यक्रम में पुरस्कार प्राप्त किया।
आरईसी भारत के ऊर्जा परिवर्तन (इनर्जी ट्रांजिशन) को उत्प्रेरित करने में अग्रणी रहा है। इसकी योजनाएं स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर वैश्विक बल के साथ जटिल रूप से जुड़ी हुई हैं, और कंपनी भारत के ऊर्जा संक्रमण की अग्रणी वित्त प्रदाता (फाइनेंसर) बनने के लिए प्रतिबद्ध है। जैसा कि नवीकरणीय ऊर्जा के अंतर्गत लगभग ₹ 38,971 करोड़ के आरईसी के वर्तमान ऋण पोर्टफोलियो में परिलक्षित होता है वह स्थिरता पहल में महत्वपूर्ण निवेश करने के लिए तैयार है । इसने वर्ष 2030 तक लगभग 10 लाख करोड़ की अनुमानित ऋण पुस्तिका के लगभग 30% तक नवीकरणीय मिश्रण में सुधार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।आउटलुक प्लैनेट सस्टेनेबिलिटी समिट एंड अवार्ड्स एक ऐसा प्रमुख मंच है जो टिकाऊ प्रथाओं में उत्कृष्टता का उल्लास मनाने और उसे बढ़ावा देने के लिए उद्योग के प्रमुखों, नीति निर्माताओं और स्थिरता समर्थकों को एक साथ लाता है। इस वर्ष के शिखर सम्मेलन में गहन चर्चाओं के साथ ही नवोन्मेषी विचार शामिल हुए और स्थिरता के लिए समर्पित संगठनों की उल्लेखनीय उपलब्धियों को मान्यता दी गई।
ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कारपोरेशन-आरईसी) लिमिटेड के बारे में
ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कारपोरेशन-आरईसी) भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत एक 'महारत्न' कंपनी है, और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ गैर- बैंकिंग वित्तीय कम्पनी (नॉन-बैंकिंग फाइनेंसियल कम्पनी -एनबीएफसी), सार्वजनिक वित्तीय संस्थान (पब्लिक फाइनेंस इंस्टिट्यूटशन -पीएफआई) और आधारभूत अवसंरचना वित्तीय कम्पनी (इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग कंपनी -आईएफसी) के रूप में पंजीकृत है। आरईसी संपूर्ण विद्युत-बुनियादी ढांचा क्षेत्र का वित्तपोषण कर रहा है और जिसमें उत्पादन, पारेषण (ट्रांसमिशन), वितरण, नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन, बैटरी भंडारण, पंप भंडारण परियोजनाएं, हरित (ग्रीन) हाइड्रोजन और हरित (ग्रीन) अमोनिया परियोजनाएं जैसी नई प्रौद्योगिकियां शामिल हैं। हाल ही में आरईसी लिमिटेड ने सड़क और एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, हवाई अड्डे, आईटी संचार, सामाजिक और वाणिज्यिक बुनियादी ढांचे (शैक्षिक संस्थान, अस्पताल), बंदरगाह और इलेक्ट्रो-मैकेनिकल (ई एंड एम) कार्यों सहित स्टील और रिफाइनरी जैसे विभिन्न अन्य क्षेत्रों के गैर-विद्युत बुनियादी ढांचा क्षेत्र में भी विविधता ला दी है । आरईसी लिमिटेड देश में बुनियादी ढांचा परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए राज्य, केंद्र और निजी कंपनियों को विभिन्न परिपक्वता अवधि के ऋण प्रदान करता है।
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