जानलेवा हो सकता है हीटवेव और डिहाइड्रेशन

 

 

हीटवेव (लू) और डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) दोनों ही स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकते हैं और जानलेवा साबित हो सकते हैं। आइए समझते हैं कि कैसे:

हीटवेव (लू) के खतरे:

  1. हीट स्ट्रोक: यह सबसे गंभीर स्थिति होती है। इसमें शरीर का तापमान 104°F (40°C) से अधिक हो जाता है। इसके लक्षणों में चक्कर आना, तेज़ बुखार, त्वचा का सूखना, और मानसिक भ्रम शामिल हैं। हीट स्ट्रोक के कारण मृत्यु भी हो सकती है।
  2. हीट एक्जॉशन: इसमें शरीर का तापमान 100°F से 104°F के बीच होता है। इसके लक्षणों में पसीना, थकान, चक्कर आना, मांसपेशियों में दर्द, और उल्टी शामिल हैं।
  3. हीट क्रैम्प्स: यह मांसपेशियों में ऐंठन होती है, जो अधिक पसीना और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी के कारण होती है।
  4. हीट सिंकोप: यह बेहोशी होती है, जो लंबे समय तक धूप में रहने के बाद अचानक खड़े होने पर होती है।

डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) के खतरे:

  1. हल्का डिहाइड्रेशन: इसमें मुंह का सूखना, प्यास, और मूत्र का रंग गहरा हो जाना शामिल है।
  2. मध्यम डिहाइड्रेशन: इसमें अत्यधिक प्यास, मुंह और त्वचा का सूखना, कमजोरी, चक्कर आना, और दिल की धड़कन बढ़ जाना शामिल है।
  3. गंभीर डिहाइड्रेशन: इसमें निम्न रक्तचाप, भ्रम, बेहोशी, और त्वचा का झुर्रियां पड़ना शामिल है। गंभीर मामलों में यह किडनी फेलियर और मृत्यु का कारण भी बन सकता है।

बचाव के उपाय:

  1. पानी पीते रहें: दिन भर में नियमित अंतराल पर पानी पिएं, खासकर जब तापमान अधिक हो।
  2. हल्के कपड़े पहनें: ढीले और हल्के रंग के कपड़े पहनें, ताकि शरीर को ठंडक मिल सके।
  3. धूप से बचें: सीधे धूप में निकलने से बचें, खासकर दोपहर के समय जब तापमान सबसे अधिक होता है।
  4. ठंडी जगह पर रहें: जितना संभव हो ठंडी जगहों पर रहें और वातानुकूलित (एयर कंडीशन) स्थानों का उपयोग करें।
  5. इलेक्ट्रोलाइट्स लें: शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को पूरा करने के लिए ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) या इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक्स का सेवन करें।
  6. संतुलित आहार: ताजे फल, सब्जियां और जलयुक्त खाद्य पदार्थ खाएं।

हीटवेव और डिहाइड्रेशन से बचने के लिए सतर्कता और सावधानी बेहद आवश्यक है। समय पर सही कदम उठाने से इन खतरों से बचा जा सकता है।

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