धर्मेंद्र प्रधान ने उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए संस्थागत विकास योजना (आईडीपी) पर कार्यशाला का उद्घाटन किया और यूजीसी विनियमों का संग्रह (1957-2023) जारी किया

केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए संस्थागत विकास योजना पर एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। उन्होंने सभी यूजीसी नियमों के एकल, सुलभ और विश्वसनीय स्रोत के रूप में यूजीसी विनियमों का संग्रह (1957-2023) भी जारी किया। इस कार्यक्रम में शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग के सचिव श्री संजय मूर्ति, एनसीवीईटी के पूर्व अध्यक्ष और आईडीपी दिशा-निर्देश तैयार करने पर काम कर रही समिति के अध्यक्ष डॉ. एन. एस. कलसी, यूजीसी के अध्यक्ष श्री एम. जगदीश कुमार, कुलपतिगण, नोडल अधिकारी और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।

श्री धर्मेंद्र प्रधान ने सबको संबोधित करते हुए कहा कि 'एनईपी 2020' के मूल मूल्यों और भावना को अपनाकर देश के उच्च शिक्षा संस्थान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

उन्होंने शिक्षा के उद्देश्य और ढांचे को नए सिरे से परिभाषित करने, युवाओं को सशक्त बनाने और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने, कुल नामांकन अनुपात को दोगुना करने, आबादी के बड़े हिस्से को उच्च शिक्षा के दायरे में लाने, जनसांख्यिकीय लाभ का प्रभावी उपयोग करने, शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार में उत्कृष्टता हासिल करने, समग्र और समावेशी रवैयों से 5000 उच्च शिक्षा संस्थानों को उत्कृष्टता केंद्रों में तब्दील करने हेतु आगे बढ़ने के तरीकों पर भी बात की।

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