केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जैव-अर्थव्यवस्था भारत की भविष्य की विकास गाथा का नेतृत्व करेगी

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज यहां डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन कॉन्क्लेव में राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन पर ‘इम्पैक्ट रिपोर्ट 2024’ के विमोचन के अवसर पर कहा, “जैव-अर्थव्यवस्था और अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था भारत की भविष्य की विकास गाथा का नेतृत्व करेगी।” इस मिशन ने सफलतापूर्वक पांच साल पूरे कर लिए है।विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन की स्थापना के बाद से इसकी यात्रा को याद करते हुए कहा कि जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) के साथ "राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन (एनबीएम) 5 साल की अभूतपूर्व सफलता का उत्सव मना रहा है" और इसे एक उपलब्धि बताया।

राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन (एनबीएम)- भारत में नवाचार (आई3) बायो-फार्मास्यूटिकल्स के विकास के लिए खोज अनुसंधान में तेजी लाने के लिए एक उद्योग-अकादमिक सहयोगी मिशन है। बीआईआरएसी का काम भारत में बायोफार्मास्यूटिकल्स, वैक्सीन, बायोसिमिलर, चिकित्सा उपकरणों और डायग्नोस्टिक्स के क्षेत्र में तकनीकी एवं उत्पाद विकास से जुड़ी क्षमताओं को तैयार करने के लिए एक इकोसिस्टम को सक्षम बनाना और पोषित करना है। इस परियोजना को कुल 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लागत से मंजूरी दी गई थी जो विश्व बैंक द्वारा 50 प्रतिशत सह-वित्तपोषित है। इस कार्यक्रम से आज लगभग 150 संगठन और 300 एमएसएमई लाभान्वित हो रहे हैं।जैव-प्रौद्योगिकी के प्रभाव को रेखांकित करते हुए, डॉ. सिंह ने बताया कि भारत की जैव-अर्थव्यवस्था पिछले 10 वर्षों में 13 गुना बढ़ी है, जो 2014 में 10 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2024 में 130 बिलियन डॉलर से अधिक हो गई है। इसके 2030 तक 300 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। उन्होंने कहा, "भारत, जो 2015 में 81वें स्थान पर था, ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 132 अर्थव्यवस्थाओं में से 40वें स्थान पर पहुंच गया है।"

डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपने भाषण के दौरान एनबीएम के कुछ योगदानों, जैसे कि भारत का पहला एमआरआई स्कैनर, कोविड के लिए पहला डीएनए वैक्सीन जाइकोव-डी और टाइप 2 डायबिटीज (लीराग्लूटाइड) के लिए भारत का पहला इंजेक्टेबल नॉन-इंसुलिन एंटीहाइपरग्लाइसेमिक बायोसिमिलर, का उल्लेख किया।

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