लखनऊ, 3 सितम्बर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। जिन्होंने अपनी संपत्ति का ब्यौरा समय पर नहीं दिया, उनके अगस्त माह का वेतन रोक दिया गया है। यह कदम भ्रष्टाचार और संपत्ति के गलत प्रयोग को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य कर्मचारियों से संपत्ति का ब्यौरा समय पर प्रस्तुत करने की अपेक्षा की है। इस प्रक्रिया को पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण माना गया है। नियमों के अनुसार, सभी सरकारी कर्मचारियों को अपनी संपत्ति की जानकारी नियमित रूप से संबंधित विभाग को देना अनिवार्य है, लेकिन कई कर्मचारी इस प्रक्रिया को नजरअंदाज कर रहे थे।इस आदेश के तहत, जिन कर्मचारियों ने संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया, उनके अगस्त माह के वेतन को रोकने की कार्रवाई की गई है। यह कदम सरकार द्वारा कर्मचारियों में अनुशासन और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह निर्णय राज्य में भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने और सरकारी पदों पर बैठने वालों की संपत्ति के स्रोत की निगरानी करने के लिए लिया गया है। वेतन रोकने की यह कार्रवाई उन कर्मचारियों को चेतावनी देने के रूप में देखी जा रही है जो नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस कदम के माध्यम से यह संदेश दिया है कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त है और वह सभी सरकारी कर्मचारियों से उच्च मानकों की उम्मीद करती है। उम्मीद की जा रही है कि इस कदम से अन्य कर्मचारियों को भी अपने कर्तव्यों के प्रति गंभीरता से देखने की प्रेरणा मिलेगी और सरकारी सिस्टम में अधिक पारदर्शिता आएगी।
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