प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) ने अक्टूबर 2024 में 1000 करोड़ रुपये की बिक्री करके एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। पिछले वर्ष की तुलना में यह एक महत्वपूर्ण प्रगति है और यह लक्ष्य दिसंबर, 2023 में पूरा किया गया था। यह उपलब्धि सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाओं पर लोगों के बढ़ते भरोसे और निर्भरता को दर्शाती है। यह केवल नागरिकों के अटूट समर्थन से ही संभव हो पाया है, जिन्होंने देश भर में 14,000 से अधिक जन औषधि केंद्रों से दवाइयां खरीदकर इस पहल को अपनाया है। यह पर्याप्त वृद्धि कम खर्च में स्वास्थ्य सेवा को सभी के लिए सुलभ और सस्ती बनाने की पीएमबीआई की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही पीएमबीआई ने सितंबर 2024 में एक ही महीने में 200 करोड़ रुपये की दवाइयां बेची थीं।
पिछले 10 वर्षों में ऐसे केन्द्रों की संख्या में 170 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। ये केंद्र 2014 में केवल 80 थे और अब बढ़कर 14,000 से अधिक केन्द्र हो गए है, जो देश के लगभग सभी जिलों में फैले हुए है।
अगले 2 वर्षों में देश में 25000 जन औषधि केंद्र होंने का अनुमान है। पीएमबीजेपी के उत्पाद समूह में 2047 दवाइयां और 300 सर्जिकल उपकरण शामिल हैं, जो सभी प्रमुख चिकित्सीय समूहों जैसे कार्डियोवैस्कुलर, एंटी-कैंसर, एंटी-डायबिटिक्स, एंटी-इंफेक्टिव्स, एंटी-एलर्जिक, गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल दवाइयां, न्यूट्रास्युटिकल्स आदि श्रेणी की दवाएं हैं। लगभग 1 मिलियन लोग प्रतिदिन इन लोकप्रिय जन-हितैषी केंद्रों पर जा रहे हैं।
पीएमबीजेपी पहल समुदायों को सशक्त बनाने के लिए निरंतर काम कर रही है, जिससे यह सुनिश्चित हो रहा है कि हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो। इन औषधि केंद्रों पर रिकॉर्ड तोड़ बिक्री न केवल कार्यक्रम की सफलता को उजागर करती है, बल्कि यह देश में स्वास्थ्य समानता को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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