इसरो और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष, अंतरिक्ष विभाग के सचिव और प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डॉ. एस. सोमनाथ ने आज आकाशवाणी की ओर से नई दिल्ली के रंग भवन में आयोजित प्रतिष्ठित सरदार पटेल मेमोरियल लेक्चर 2024 में 'इंडियन स्पेस ओडिसी: इन सर्च ऑफ न्यू फ्रंटियर्स' पर व्याख्यान दिया।व्याख्यान की शुरुआत भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के एक विशेष रिकॉर्डेड संदेश के साथ हुई, जिसमें उन्होंने सरदार पटेल के विशाल व्यक्तित्व और भारत के एकीकरण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की प्रशंसा की। राष्ट्रपति ने 1955 से एक राष्ट्रीय प्रसारक के रूप में आकाशवाणी के योगदान और सरदार पटेल मेमोरियल लेक्चर सीरीज के प्रति उसकी निष्ठा को भी स्वीकार किया। उन्होंने प्रख्यात वक्ता और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम का विशेष उल्लेख करते हुए व्याख्यान की सफलता के प्रति अपनी शुभकामनाएं दीं।
अपने व्याख्यान में, डॉ. सोमनाथ ने चंद्रमा पर एक भारतीय के उतरने के मिशन पर को रेखांकित करते हुए, भारत के अंतरिक्ष विजन 2047 पर अंतर्दृष्टि दी। उन्होंने चंद्रमा की खोज के लिए लॉन्चिंग बिंदु के रूप में भारतीय अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन की संकल्पना पेश की और दोबारा इस्तेमाल योग्य रॉकेट के विकास के बारे में विस्तार से बात की। डॉ. सोमनाथ ने लैंडर तकनीकी में इसरो के महत्वपूर्ण सुधारों पर जोर दिया और भविष्य में खोज के लिए लक्ष्य साझा किए, जिसमें चंद्रमा और मंगल पर सफल मिशन के बाद शुक्र की कक्षा, सतह और उपसतह का अध्ययन करने का मिशन भी शामिल है।इसरो अध्यक्ष ने “राष्ट्र के विकास के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग" के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर भारत को कई देशों से आगे ले जाने के लिए निर्धारित महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। इसरो देश की अनुप्रयोग आवश्यकताएं जैसे प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, उपग्रह संचार और नेविगेशन को को पूरा करने के साथ-साथ अंतरिक्ष विज्ञान में युवा दिमागों को प्रेरित करने पर भी ध्यान केंद्रित करता है। बीते कुछ सालों में, इसरो ने उपग्रहों के निर्माण, अंतरिक्ष परिवहन प्रणालियों और संबंधित जमीनी क्षेत्रों से संबंधित स्वदेशी क्षमताएं विकसित की हैं।डॉ. सोमनाथ ने मानवता की भलाई के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की अदम्य भावना और प्रतिबद्धता के प्रमाण के तौर पर स्पेस के स्तर पर भारत की यात्रा की सराहना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम एक ऐसी दुनिया को प्रेरित करने के साथ आकार देता रहेगा, जहां अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी एक सुरक्षित और बेहतर ग्रह की ओर प्रोत्साहन देती है। 600 से अधिक संस्थानों के छात्रों के लिए, व्याख्यान में भाग लेना जीवन में एक बार होने जैसा अनुभव था, जिससे उन्हें अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी उद्यमों के लिए खोलने से जुड़ी विभिन्न सरकारी पहलों के बारे में प्रतिष्ठित वैज्ञानिक से सीधे सुनने का मौका मिला।भारत की सार्वजनिक सेवा प्रसारक प्रसार भारती ने 26 अक्टूबर को आकाशवाणी के रंग भवन सभागार में सरदार पटेल मेमोरियल व्याख्यान 2024 आयोजित किया। यह प्रतिष्ठित वार्षिक आख्यान श्रृंखला भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभाई पटेल की जयंती का उत्सव मनाती है, जो 1955 में श्री सी. राजगोपालाचारी के उद्घाटन भाषण के साथ शुरू हुई थी। इस वर्ष का व्याख्यान डॉ. एस. सोमनाथ ने "इंडियन स्पेस ओडिसी: इन सर्च ऑफ न्यू फ्रंटियर्स” के शीर्षक पर दिया। अपने उद्घाटन भाषण में, अध्यक्ष श्री सहगल ने व्याख्यान को शुभकामनाओं हेतु माननीय राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया और दर्शकों को सरदार पटेल मेमोरियल लेक्चर से परिचित कराया, जिसमें स्वतंत्रता के बाद के भारत में पटेल के योगदान पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में डॉ. सोमनाथ की महत्वपूर्ण उपलब्धियों की प्रशंसा की और कहा कि सरदार पटेल और अंतरिक्ष में भारत की प्रगति, दोनों ही देश के दृढ़ संकल्प का उदाहरण हैं।
इस कार्यक्रम में प्रसार भारती के सीईओ श्री गौरव द्विवेदी, अध्यक्ष श्री नवनीत सहगल और आकाशवाणी की महानिदेशक डॉ. प्रज्ञा पालीवाल गौड़ उपस्थित रहे।
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