ट्राई ने 30 जून, 2024 को समाप्त तिमाही के लिए “भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदर्शन संकेतक रिपोर्ट” जारी की है। यह रिपोर्ट भारत में दूरसंचार सेवाओं के व्यापक परिदृश्य प्रस्तुत करती है और 1 अप्रैल, 2024 से 30 जून, 2024 तक की अवधि के लिए भारत में दूरसंचार सेवाओं के साथ-साथ केबल टीवी, डीटीएच और रेडियो प्रसारण सेवाओं के प्रमुख मापदंडों और विकास के रुझान को दर्शाती है, जिसे मुख्य रूप से सेवा प्रदाताओं की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर संकलित किया गया है।
रिपोर्ट का सारांश मुख्य बिंदुओं सहित संलग्न है। पूरी रिपोर्ट ट्राई की वेबसाइट ( www.trai.gov.in और लिंक http://www.trai.gov.in/release-publication/reports/performance-indicators-reports ) पर उपलब्ध है। इस रिपोर्ट से संबंधित किसी भी सुझाव या स्पष्टीकरण के लिए ट्राई के सलाहकार (एफ एंड ईए) श्री अमित शर्मा से टेलीफोन + 91-20907772 और ई-मेल: advfea2@trai.gov.in पर संपर्क किया जा सकता है ।
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भारतीय दूरसंचार सेवा प्रदर्शन संकेतक
अप्रैल–जून, 2024
मुख्य बिंदुओं सहित सारांश
मार्च 2024 के अंत में इंटरनेट उपभोक्ताओं की कुल संख्या 954.40 मिलियन थी, जो जून 2024 के अंत में बढ़कर 969.60 मिलियन हो गई। इसमें तिमाही आधार पर 1.59 प्रतिशत की वृद्धि प्रदर्शित है। 969.60 मिलियन इंटरनेट उपभोक्ताओं में से वायर्ड इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या 42.04 मिलियन और वायरलेस इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या 927.56 मिलियन है।
इंटरनेट सदस्यता की संरचना
- इंटरनेट उपभोक्ताओं में 940.75 मिलियन ब्रॉडबैंड और 28.85 मिलियन नैरोबैंड इंटरनेट उपभोक्ता शामिल हैं।
- ब्रॉडबैंड इंटरनेट उपभोक्ताओं में 1.81 प्रतिशत की वृद्धि हुई। यह संख्या मार्च-24 के अंत के 924.07 मिलियन से बढ़कर जून-24 के अंत में 940.75 मिलियन हो गयी। नैरोबैंड इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या मार्च-24 के अंत के 30.34 मिलियन से घटकर जून-24 के अंत में 28.85 मिलियन हो गयी।
- वायरलाइन उपभोक्ताओं की संख्या मार्च, 2024 के अंत में 33.79 मिलियन थी, जो बढ़कर जून, 2024 के अंत में 35.11 मिलियन हो गई। इसमें तिमाही वृद्धि दर 3.90 प्रतिशत रही तथा वर्ष-दर-वर्ष के आधार पर वायरलाइन उपभोक्ताओं की संख्या भी जून, 2024 की तिमाही के अंत में 15.81 प्रतिशत बढ़ी।
- वायरलाइन टेली-घनत्व मार्च, 2024 के अंत में 2.41 प्रतिशत से बढ़कर जून, 2024 के अंत में 2.50 प्रतिशत हो गया। इसमें तिमाही वृद्धि दर 3.67 प्रतिशत रही।
- वायरलेस सेवा के लिए प्रति उपयोगकर्ता (एआरपीयू) मासिक औसत राजस्व में 2.55 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो मार्च-24 तिमाही में 153.54 रुपये थी, जो बढ़कर जून-24 तिमाही में 157.45 रुपये हो गई। वर्ष-दर-वर्ष के आधार पर, इस तिमाही में वायरलेस सेवा के लिए मासिक एआरपीयू में 8.11 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
- प्रीपेड एआरपीयू प्रति माह मार्च-24 तिमाही में 150.74 रुपये से बढ़कर जून-24 तिमाही में 154.80 रुपये हो गया तथा पोस्टपेड एआरपीयू प्रति माह भी मार्च-24 तिमाही में 187.85 रुपये से बढ़कर जून-24 तिमाही में 189.17 रुपये हो गया।
- अखिल भारतीय औसत पर प्रतिमाह प्रति ग्राहक समग्र एमओयू 2.16 प्रतिशत घटकर मार्च-2024 तिमाही में 995 से जून-2024 तिमाही में 974 हो गया।
- जून-24 तिमाही में प्रीपेड एमओयू प्रति ग्राहक 1010 तथा पोस्टपेड एमओयू प्रति ग्राहक प्रति माह 539 हैं।
- जून-24 तिमाही के लिए दूरसंचार सेवा क्षेत्र का सकल राजस्व (जीआर), लागू सकल राजस्व (एपीजीआर) और समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) क्रमशः 86,031 करोड़ रुपये, 83,087 करोड़ रुपये और 70,555 करोड़ रुपये रहा है। पिछली तिमाही की तुलना में जून-24 तिमाही में सकल राजस्व में 2.16 प्रतिशत की कमी आई, लागू सकल राजस्व (एपीजीआर) में 1.02 प्रतिशत की कमी आई और समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) में 0.13 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
- पिछले वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में जून-24 को समाप्त तिमाही में सकल राजस्व (जीआर), लागू सकल राजस्व (एपीजीआर) और समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) में वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि दर क्रमशः 6.34 प्रतिशत, 6.05 प्रतिशत और 7.51 प्रतिशत रही है।
- मार्च-24 तिमाही में पास-थ्रू प्रभार 13,482 करोड़ रुपये से घटकर जून-24 तिमाही में 12,561 करोड़ रुपये हो गया, जिसमें तिमाही दर से 6.84 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। जून-24 तिमाही में पास-थ्रू प्रभार में सालाना आधार पर 4.99 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
- लाइसेंस शुल्क मार्च-24 तिमाही के लिए 5,637 करोड़ रुपये से बढ़कर जून-24 तिमाही के लिए 5,645 करोड़ रुपये हो गया। इस तिमाही में लाइसेंस शुल्क में तिमाही और वर्ष-दर-वर्ष वृद्धि दर क्रमशः 0.14 प्रतिशत और 7.62 प्रतिशत है।
समायोजित सकल राजस्व की सेवा-वार संरचना
- दूरसंचार सेवाओं के कुल समायोजित सकल राजस्व में एक्सेस सेवाओं का योगदान 82.40 प्रतिशत रहा। एक्सेस सेवाओं में, सकल राजस्व (जीआर), लागू सकल राजस्व (एपीजीआर), समायोजित सकल राजस्व (एजीआर), लाइसेंस शुल्क, स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) और पास-थ्रू शुल्क में जून-24 तिमाही में क्रमशः -0.69 प्रतिशत, 1.32 प्रतिशत, 2.83 प्रतिशत, 2.81 प्रतिशत, 0.35 प्रतिशत और -6.93 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
- भारत में टेलीफोन उपभोक्ताओं की संख्या मार्च-24 के अंत में 1,199.28 मिलियन से बढ़कर जून-24 के अंत में 1,205.64 मिलियन हो गई। पिछली तिमाही की तुलना में इसकी वृद्धि दर 0.53 प्रतिशत है। यह पिछले वर्ष की इसी तिमाही की तुलना में वर्ष-दर-वर्ष (YOY) 2.70 प्रतिशत वृद्धि दर को दर्शाता है। भारत में कुल टेली-घनत्व मार्च-24 की तिमाही में 85.69 प्रतिशत से बढ़कर जून-24 की तिमाही में 85.95 प्रतिशत हो गया।
भारत में टेलीफोन उपभोक्ताओं और टेली-घनत्व का रुझान
- शहरी क्षेत्रों में टेलीफोन उपभोक्ताओं की संख्या मार्च, 2024 के अंत में 665.38 मिलियन थी जो जून, 2024 के अंत में बढ़कर 667.13 मिलियन हो गई, हालांकि इसी अवधि के दौरान शहरी दूरसंचार घनत्व 133.72 प्रतिशत से घटकर 133.46 प्रतिशत हो गया।
- ग्रामीण टेलीफोन उपभोक्ताओं की संख्या मार्च, 2024 के अंत में 533.90 मिलियन थी, जो जून, 2024 के अंत में बढ़कर 538.51 मिलियन हो गई तथा इसी अवधि के दौरान ग्रामीण दूरसंचार घनत्व भी 59.19 प्रतिशत से बढ़कर 59.65 प्रतिशत हो गया।
- कुल ग्राहक संख्या में से ग्रामीण उपभोक्ताओं की हिस्सेदारी मार्च, 2024 के अंत में 44.52 प्रतिशत थी जो जून, 2024 के अंत में बढ़कर 44.67 प्रतिशत हो गई।
टेलीफोन उपभोक्ताओं की संरचना
- अप्रैल-जून 2024 तिमाही के दौरान 5.04 मिलियन ग्राहकों की शुद्ध वृद्धि के साथ, कुल वायरलेस ग्राहक संख्या जो मार्च-24 के अंत में 1,165.49 मिलियन थी, उससे बढ़कर जून-24 के अंत में 1,170.53 मिलियन हो गयी, जिसमें पिछली तिमाही की तुलना में 0.43 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की गई है। वर्ष-दर-वर्ष के आधार पर वायरलेस ग्राहकों की संख्या में भी इस वर्ष 2.36 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई।
- वायरलेस टेली-घनत्व मार्च, 2024 के अंत में 83.27 प्रतिशत से बढ़कर जून, 2024 के अंत में 83.45 प्रतिशत हो गया, जिसमें तिमाही वृद्धि दर 0.21 प्रतिशत रही।
- इस तिमाही के दौरान, वायरलाइन सेवा प्रदाताओं द्वारा क्योओएस बेंचमार्क के संदर्भ में निम्नलिखित मापदंडों का पूर्णतः अनुपालन किया गया है: -
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- खराबी की घटनाएं (प्रति 100 ग्राहक/माह खराबी की संख्या) (≤ 7)
- अगले कार्य दिवस तक मरम्मत की गई खराबी का प्रतिशत (ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों के लिए) (≥ 75 प्रतिशत)
- 7 दिनों के भीतर खराबी की मरम्मत प्रतिशत (ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों के लिए) (100 प्रतिशत)
- इंटरकनेक्शन प्वाइंट (पीओआई) कंजेशन (मापदंड को पूरा न करने वाले पीओआई की संख्या) (≤ 0.5 प्रतिशत)
- मीटरिंग और बिलिंग विश्वसनीयता- पोस्टपेड (≤ 0.1 प्रतिशत)
- मीटरिंग और बिलिंग विश्वसनीयता- प्रीपेड (≤ 0.1 प्रतिशत)
- बिलिंग/चार्जिंग/क्रेडिट एवं वैधता शिकायतों का 4 सप्ताह के भीतर समाधान (4 सप्ताह के भीतर 98 प्रतिशत)
- बिलिंग/चार्जिंग/क्रेडिट एवं वैधता शिकायतों का 6 सप्ताह के भीतर समाधान (6 सप्ताह के भीतर 100 प्रतिशत)
- शिकायत के समाधान की तिथि से ग्राहक के खाते में क्रेडिट/छूट/समायोजन लागू करने की अवधि (शिकायत के समाधान के 1 सप्ताह के भीतर 100 प्रतिशत)
- कॉल सेंटर/ग्राहक सेवा की पहुंच (≥ 95 प्रतिशत)
- वायरलाइन सेवा प्रदाताओं द्वारा क्योओएस में पिछली तिमाही की तुलना में निम्नलिखित मापदंडों में सुधार दिखाया गया है: -
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- कॉल सेंटर/ग्राहक सेवा की पहुंच ≥ 95 प्रतिशत
- नब्बे सेकंड के भीतर ऑपरेटरों द्वारा उत्तर दिए गए कॉलों का प्रतिशत (वॉयस टू वॉयस) ≥ 95 प्रतिशत
इस तिमाही के दौरान, सभी सेलुलर मोबाइल सेवा प्रदाताओं द्वारा पिछली तिमाही की तुलना में पूर्णतः अनुपालन किये गये मापदंडों की सूची: -
- सर्किट स्विच्ड वॉयस या VoLTE के लिए कॉल सेट-अप सफलता दर और सत्र स्थापना सफलता दर (लाइसेंसधारी के अपने नेटवर्क के भीतर) ≥ 95 प्रतिशत
- नेटवर्क क्योओएस डीसीआर स्थानिक वितरण माप [नेटवर्क_ क्यूएसडी (90,90)] ≤ 2 प्रतिशत
- नेटवर्क क्यूओएस डीएसआर टेम्पोरल डिस्ट्रीब्यूशन माप [नेटवर्क_ क्यूटीडी (97,90)] ≤ 3 प्रतिशत
- अच्छी आवाज गुणवत्ता, सर्किट स्विच्ड वॉयस गुणवत्ता और वीओएलटीई गुणवत्ता वाले कनेक्शन ≥ 95 प्रतिशत
- डाउन लिंक (डीएल) पैकेट ड्रॉप दर या डीएल-पीडीआर ≤ 2 प्रतिशत
- अप लिंक (यूएल) पैकेट ड्रॉप दर या यूएल-पीडीआर ≤ 2 प्रतिशत
- प्वाइंट ऑफ इंटरकनेक्शन (पीओआई) कंजेशन (मापदंडों को पूरा न करने वाले पीओआई की संख्या) ≤ 0.5 प्रतिशत
- मीटरिंग और बिलिंग विश्वसनीयता - पोस्टपेड ≤ 0.1 प्रतिशत
- मीटरिंग और बिलिंग विश्वसनीयता – प्रीपेड ≤ 0.1 प्रतिशत
- बिलिंग/चार्जिंग/वैधता शिकायतों का समाधान - 4 सप्ताह के भीतर 98 प्रतिशत
- बिलिंग/चार्जिंग/वैधता शिकायतों का समाधान - 6 सप्ताह के भीतर 100 प्रतिशत
- कॉल सेंटर/ग्राहक सेवा की पहुंच ≥ 95 प्रतिशत
- सेवा समाप्ति / बंद करना < 7 दिन
- बंद होने के बाद जमा राशि वापस करने में लगने वाला समय (60 दिनों के भीतर 100 प्रतिशत)
सेलुलर मोबाइल सेवा प्रदाताओं द्वारा क्यूओएस में पिछली तिमाही की तुलना में निम्नलिखित मापदंडों में गिरावट देखी गई है: -
- बीएस संचित डाउनटाइम (सेवा के लिए उपलब्ध नहीं) (प्रतिशत में) <=2 प्रतिशत
- डाउनटाइम के कारण सबसे अधिक प्रभावित बीएस (प्रतिशत में) <=2 प्रतिशत
- एसडीसीसीएच/ पेजिंग चैनल कंजेशन/ आरआरसी कंजेशन (प्रतिशत में) <=1 प्रतिशत
- टीसीएच, आरएबी और ई-आरएबी कंजेशन (प्रतिशत में) <=2 प्रतिशत
- शिकायत के समाधान की तिथि से ग्राहक के खाते में क्रेडिट/माफ/समायोजन लागू करने की अवधि - शिकायत के समाधान के 1 सप्ताह के भीतर 100 प्रतिशत
- ऑपरेटरों द्वारा (वॉयस टू वॉयस) नब्बे सेकंड के भीतर उत्तर दिए गए कॉल का प्रतिशत ≥ 95 प्रतिशत
- सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (एमआईबी) द्वारा लगभग 912 निजी सैटेलाइट टीवी चैनलों को केवल अपलिंकिंग/केवल डाउनलिंकिंग/अपलिंकिंग एवं डाउनलिंकिंग दोनों के लिए अनुमति दी गई है।
- संशोधित टैरिफ आदेश दिनांक 3 मार्च 2017 के अनुपालन में प्रसारकों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार , भारत में डाउनलिंकिंग के लिए उपलब्ध 902 अनुमति प्राप्त उपग्रह टीवी चैनलों में से 30 जून 2024 तक 362 उपग्रह पे टीवी चैनल हैं। 362 पे चैनलों में से 259 एसडी उपग्रह पे टीवी चैनल हैं और 103 एचडी उपग्रह पे टीवी चैनल हैं।
- 30 जून 2024 तक की अवधि के दौरान देश में 4 पे डीटीएच सेवा प्रदाता हैं।
- पे डीटीएच के लगभग 62.17 मिलियन कुल सक्रिय ग्राहक हैं। यह डीडी फ्री डिश (दूरदर्शन की मुफ्त डीटीएच सेवाएं) के ग्राहकों के अतिरिक्त है। कुल सक्रिय ग्राहक संख्या मार्च 2024 के 61.97 मिलियन से बढ़कर जून 2024 में 62.17 मिलियन हो गयी है।
- एफएम रेडियो ऑपरेटरों द्वारा ट्राई को दी गई जानकारी के अनुसार, सार्वजनिक प्रसारक ऑल इंडिया रेडियो द्वारा संचालित रेडियो चैनलों के अलावा, 30 जून 2024 तक 113 शहरों में 36 निजी एफएम रेडियो ऑपरेटरों द्वारा संचालित 388 निजी एफएम रेडियो चैनल चल रहे हैं। पिछली तिमाही की तुलना में परिचालित निजी एफएम रेडियो चैनलों, शहरों और एफएम रेडियो ऑपरेटरों की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
- 30 जून 2024 को समाप्त तिमाही के दौरान 388 निजी एफएम रेडियो चैनलों के संबंध में एफएम रेडियो ऑपरेटरों की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार उनकी विज्ञापन आय 428.45 करोड़ रुपये है, जबकि पिछली तिमाही में यह 491.98 करोड़ रुपये थी।
- 30 जून, 2024 तक 499 सामुदायिक रेडियो स्टेशन संचालित हो रहे हैं।
स्नैपशॉट
(30 जून, 2024 तक का आंकड़ा) |
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दूरसंचार ग्राहक (वायरलेस+वायरलाइन) |
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कुल सदस्य |
1,205.64 मिलियन |
पिछली तिमाही की तुलना में प्रतिशत परिवर्तन |
0.53 प्रतिशत |
शहरी ग्राहक |
667.13 मिलियन |
ग्रामीण ग्राहक |
538.51 मिलियन |
निजी ऑपरेटरों की बाजार हिस्सेदारी |
91.97 प्रतिशत |
पीएसयू ऑपरेटरों की बाजार हिस्सेदारी |
8.03 प्रतिशत |
टेली घनत्व |
85.95 प्रतिशत |
शहरी टेली-घनत्व |
133.46 प्रतिशत |
ग्रामीण टेली-घनत्व |
59.65 प्रतिशत |
वायरलेस ग्राहक |
|
कुल वायरलेस ग्राहक |
1,170.53 मिलियन |
पिछली तिमाही की तुलना में प्रतिशत परिवर्तन |
0.43 प्रतिशत |
शहरी ग्राहक |
635 मिलियन |
ग्रामीण ग्राहक |
535.53 मिलियन |
निजी ऑपरेटरों की बाजार हिस्सेदारी |
92.51 प्रतिशत |
पीएसयू ऑपरेटरों की बाजार हिस्सेदारी |
7.49 प्रतिशत |
टेली घनत्व |
83.45 प्रतिशत |
शहरी टेली-घनत्व |
127.03 प्रतिशत |
ग्रामीण टेली-घनत्व |
59.32 प्रतिशत |
तिमाही के दौरान कुल वायरलेस डेटा उपयोग |
56,183 पीबी |
सार्वजनिक मोबाइल रेडियो ट्रंक सेवाओं (पीएमआरटीएस) की संख्या |
65,223 |
बहुत छोटे एपर्चर टर्मिनलों (वीसैट) की संख्या |
2,51,840 |
वायरलाइन सब्सक्राइबर |
|
कुल वायरलाइन ग्राहक |
35.11 मिलियन |
पिछली तिमाही की तुलना में प्रतिशत परिवर्तन |
3.90 प्रतिशत |
शहरी ग्राहक |
32.13 मिलियन |
ग्रामीण ग्राहक |
2.98 मिलियन |
पीएसयू ऑपरेटरों की बाजार हिस्सेदारी |
26.08 प्रतिशत |
निजी ऑपरेटरों की बाजार हिस्सेदारी |
73.92 प्रतिशत |
टेली घनत्व |
2.50 प्रतिशत |
ग्रामीण टेली-घनत्व |
0.33 प्रतिशत |
शहरी टेली-घनत्व |
6.43 प्रतिशत |
ग्राम सार्वजनिक टेलीफोनों (वीपीटी) की संख्या |
68,606
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पब्लिक कॉल ऑफिस (पीसीओ) की संख्या |
16,958
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दूरसंचार वित्तीय डेटा |
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तिमाही के दौरान सकल राजस्व (जीआर) |
रु. 86,031 करोड़ |
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पिछली तिमाही की तुलना में जी.आर. में प्रतिशत परिवर्तन |
-2.16 प्रतिशत |
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तिमाही के दौरान लागू सकल राजस्व (एपीजीआर) |
रु. 83,087/- करोड़ |
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पिछली तिमाही की तुलना में एपीजीआर में प्रतिशत परिवर्तन |
-1.02 प्रतिशत |
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तिमाही के दौरान समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) |
रु.70,555/- करोड़ |
|
पिछली तिमाही की तुलना में एजीआर में प्रतिशत परिवर्तन |
0.13 प्रतिशत |
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एक्सेस एजीआर में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की हिस्सेदारी |
3.53 प्रतिशत |
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इंटरनेट/ब्रॉडबैंड ग्राहक |
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कुल इंटरनेट ग्राहक |
969.60 मिलियन |
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पिछली तिमाही की तुलना में प्रतिशत परिवर्तन |
1.59 प्रतिशत |
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नैरोबैंड ग्राहक |
28.85 मिलियन |
|
ब्रॉडबैंड ग्राहक
|
940.75 मिलियन |
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वायर्ड इंटरनेट ग्राहक |
42.04 मिलियन |
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वायरलेस इंटरनेट ग्राहक |
927.56 मिलियन |
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शहरी इंटरनेट ग्राहक |
562.27 मिलियन |
|
ग्रामीण इंटरनेट उपभोक्ता |
407.33 मिलियन
एम |
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प्रति 100 जनसंख्या पर कुल इंटरनेट उपभोक्ता |
69.12 |
|
प्रति 100 जनसंख्या पर शहरी इंटरनेट उपभोक्ता |
112.48 |
|
प्रति 100 जनसंख्या पर ग्रामीण इंटरनेट उपभोक्ता |
45.12 |
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इंटरनेट टेलीफोनी के लिए उपयोग के कुल आउटगोइंग मिनट |
87.01 मिलियन |
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सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट की संख्या |
1,64,909 |
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तिमाही के दौरान सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट के लिए कुल खपत किया गया डेटा (टीबी) |
13,094 |
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प्रसारण और केबल सेवाएं |
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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा केवल अपलिंकिंग/केवल डाउनलिंकिंग/अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग दोनों के लिए अनुमति प्राप्त निजी सैटेलाइट टीवी चैनलों की संख्या |
902 |
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प्रसारकों द्वारा रिपोर्ट की गई पे टीवी चैनलों की संख्या |
362 |
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निजी एफएम रेडियो स्टेशनों की संख्या (आकाशवाणी को छोड़कर) |
388 |
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पे- डीटीएच ऑपरेटरों के साथ कुल सक्रिय ग्राहकों की संख्या
|
62.17 मिलियन |
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कार्यरत सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की संख्या |
499 |
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पे- डीटीएच ऑपरेटरों की संख्या |
4 |
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राजस्व और उपयोग पैरामीटर |
||
वायरलेस सेवा का मासिक ARPU |
रु.157.45 |
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प्रति माह प्रति ग्राहक उपयोग के मिनट (एमओयू) - वायरलेस सेवा |
974 |
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वायरलेस डेटा उपयोग |
||
प्रति वायरलेस डेटा ग्राहक प्रति माह औसत वायरलेस डेटा उपयोग
|
21.30 जीबी |
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तिमाही के दौरान वायरलेस डेटा उपयोग के लिए प्रति जीबी औसत राजस्व प्राप्ति |
रु.8.31 |
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