आईटीयू-डब्ल्यूटीएसए 2024 के आधारशिला कार्यक्रम इनोवेशन एक्सचेंज का कल भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजन किया गया, यह वैश्विक तकनीकी सहयोग में अहम कड़ी है।कार्यक्रम का उद्देश्य उभरती प्रौद्योगिकियों में प्रमुख विषयगत क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और इनोवेशन को प्रोत्साहन देना था। इस दौरान विचारों और वैश्विक विशेषज्ञता का व्यापक आदान-प्रदान हुआ। कार्यक्रम में नेक्स्टजेन नेटवर्क (5जी/6जी), एआई और रोबोटिक्स, सुरक्षित संचार नेटवर्क और क्वांटम संचार पर विषयगत चर्चाएँ सम्मिलित रही।तेजी से हो रही तकनीकी प्रगति के कारण दुनिया भर से विभिन्न दृष्टिकोणों का मेल आवश्यक है और इसलिए, प्रत्येक विषय में भारत के साथ-साथ कुछ अन्य आईटीयू सदस्य देशों जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई, सिंगापुर की टीमें शामिल थीं। टीमों में एक प्रमुख संकाय, एक शोध छात्र और समान विषय क्षेत्र में काम करने वाला एक स्टार्टअप सम्मिलित था।केंद्रीय संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासनी चंद्रशेखर ने उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता की और इसमें दूरसंचार विभाग, डिजिटल संचार आयोग की सदस्य प्रौद्योगिकी सुश्री मधु अरोड़ा, अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) के दूरसंचार विकास ब्यूरो (बीडीटी) के निदेशक डॉ. कॉसमास लकीसन ज़वाज़ावा और संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग के उप महानिदेशक श्री संजीव के शर्मा ने भाग लिया।
अपने उद्घाटन भाषण में, संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासनी चंद्रशेखर ने बताया कि पिछले एक दशक में भारत, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में व्यवसायों और विशेष रूप से स्टार्टअप के विकास के लिए अनुकूल इकोसिस्टम निर्माण के लिए अथक प्रयास कर रहा है। 2015 में “स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया” पहल के शुभारंभ के बाद से, भारत 1.12 लाख से अधिक सरकारी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप के साथ वैश्विक स्तर पर स्टार्टअप के लिए तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम बन गया है। शैक्षणिक अनुसंधान और स्टार्टअप विविध औद्योगिक क्षेत्रों में समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत 6जी एलायंस, उद्योग जगत के विद्वानों, शिक्षाविदों, स्टार्टअप और सरकार को एकजुट करने वाला एक महत्वपूर्ण मंच है, जो “भारत में, भारत और दुनिया के लिए इनोवेशन” के दृष्टिकोण से निर्देशित होकर 6जी इनोवेशन को प्रोत्साहन देने के लिए तैयार है।
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