सरकार ने “समर्थ” (वस्त्र क्षेत्र में क्षमता निर्माण योजना) को मार्च 2026 तक बढ़ाया

समर्थ वस्त्र मंत्रालय का एक मांग-संचालित और रोजगार-उन्मुख वृहत कौशल कार्यक्रम है। समर्थ योजना को 3 लाख लोगों को वस्त्र-संबंधी कौशल में प्रशिक्षित करने के लिए 495 करोड़ रुपये के बजट के साथ दो साल (वित्त वर्ष 2024-25 और 2025-26) के लिए और बढ़ा दिया गया है।योजना का उद्देश्य संगठित वस्त्र और संबंधित क्षेत्रों में रोजगार सृजन में उद्योग को प्रोत्साहित करना और उसका समर्थन करना है। इसमें कताई और बुनाई को छोड़कर वस्त्र की पूरी मूल्य श्रृंखला शामिल है। उभरती हुई तकनीक और बाजार की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाया गया है।प्रवेश स्तर के कौशल के अलावा यह योजना परिधान क्षेत्रों में मौजूदा श्रमिकों की उत्पादकता में सुधार करने के लिए अपस्किलिंग और रीस्किलिंग कार्यक्रम भी प्रदान करती है। समर्थ हथकरघा, हस्तशिल्प, रेशम और जूट जैसे पारंपरिक कपड़ा क्षेत्रों की अपस्किलिंग और रीस्किलिंग आवश्यकताओं को भी पूरा करता है।यह योजना कार्यान्वयन भागीदारों (आईपी) के माध्यम से कार्यान्वित की जाती है। इसमें वस्त्र उद्योग और उद्योग संघ, केंद्रीय और राज्य सरकार की एजेंसियां और वस्त्र मंत्रालय के क्षेत्रीय संगठन जैसे डीसी और हथकरघा, डीसी और हस्तशिल्प, केंद्रीय ऊन विकास बोर्ड और केंद्रीय रेशम बोर्ड शामिल हैं।समर्थ योजना के अंतर्गत मंत्रालय ने कार्यान्वयन भागीदारों के माध्यम से 3.27 लाख उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया है। इसमें से 2.6 लाख (79.5 प्रतिशत ) को रोजगार मिला है। महिलाओं के रोजगार पर बल दिया गया है और अब तक 2.89 लाख (88.3प्रतिशत) महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया है।विवरण नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है:

समर्थ वेबसाइट: https://samarth-textiles.gov.in

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