प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी): किफायती स्वास्थ्य सेवा की ओर एक यात्रा

नईदिल्ली (पीआईबी)नवंबर 2016 में "प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना" (पीएमबीजेपी) के शुभारंभ के साथ ही भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एक अहम बदलाव देखने को मिला। इस पहल का मकसद सस्ती कीमतों पर उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं प्रदान करना है, ताकि सभी नागरिकों तक ज़रुरी स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध हो सके। गुणवत्ता को किफायत के दायरे में लाते हुए, पीएमबीजेपी पूरे देश में स्वास्थ्य परिणामों में सुधार और स्वास्थ्य समानता को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा संचालित इस पहल का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक व्यक्ति को ब्रांडेड दवाओं से जुड़े वित्तीय बोझ के बगैर आवश्यक दवाओं तक पहुंच हासिल हो सके। पीएमबीजेपी स्टोर (प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र) ऐसे सामान्य विकल्प प्रदान करते हैं जो समान गुणवत्ता और प्रभावी गुणों को बरकरार रखते हुए समुदायों को सशक्त बनाते है और जिससे पूरे देश में स्वस्थ जीवन को बढ़ावा मिलता है। पीएमबीजेपी एक व्यापक उत्पाद समूह प्रदान करता है, जिसमें 2047 दवाएं और 300 सर्जिकल उपकरण शामिल हैं, जो विभिन्न चिकित्सीय समूहों की जरूरतों को पूरा करते हैं।

लक्ष्य और आकांक्षाएं

पीएमबीजेपी के केंद्र में दरअसल कई मुख्य उद्देश्य हैं, जो इस मिशन को आगे बढ़ते हैं-

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  • जागरूकता बढ़ाना: प्राथमिक लक्ष्यों में से एक है जनता को जेनेरिक दवाओं के लाभों के बारे में जागरुक बनाना और इस बात पर जोर देना कि चीज़ों के किफायती होने से वे गुणवत्ता में कमतर नहीं हो जातीं। यह पहल इस मिथक को दूर करने का काम करती है, कि ऊंची कीमतें उच्च गुणवत्ता का पर्याय हैं।
  • जेनेरिक दवाओं के नुस्खों के लिए प्रोत्साहित करना: पीएमबीजेपी का मकसद स्वास्थ्य पेशेवरों, खासकर सरकारी अस्पतालों में जेनेरिक दवाओं के नुस्खे लिखने के लिए प्रेरित करना है, जिससे लागत प्रभावी उपचार विकल्पों को बढ़ावा दिया जा सके।
  • पहुंच बढ़ाना: इस पहल का उद्देश्य विभिन्न चिकित्सीय श्रेणियों में आमतौर पर उपयोग की जाने वाली जेनेरिक दवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करना है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना है कि ज़रुरी स्वास्थ्य देखभाल के उत्पाद सभी के लिए उपलब्ध हों, खासकर हाशिए पर रहने वाले लोगों के लिए।

 

एक उल्लेखनीय उपलब्धि का जश्न

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है, जिसके तहत वर्ष 2024-25 में 20 अक्टूबर 2024 तक 1,000 करोड़ रु. की जनऔषधि दवाओं की ब्रिकी हुई है। यह उपलब्धि विशेष रूप से इसलिए उल्लेखनीय है, क्योंकि इसे पिछले वर्ष की तुलना में दो महीने पहले हासिल कर लिया गया।

इस शानदार वृद्धि का श्रेय देश के नागरिकों के अटूट समर्थन को दिया जाता है, जिन्होंने देश भर में 14,000 से अधिक जन औषधि केंद्रों (जेएके) से दवाएं खरीदकर पीएमबीजेपी को अपनाया है। ये केंद्र एक अनुकूल वातावरण प्रदान करते हुए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल के लिए सुलभ बिंदुओं के रूप में काम कर रहे हैं, जहां व्यक्ति उच्च लागत के बोझ के बिना अपनी ज़रूरत की दवाएं हासिल कर सकता है।

इस मील के पत्थर को हासिल करने से पहले के महीने में, पीएमबीजेपी ने अकेले सितंबर 2024 में 200 करोड़ रुपये की उल्लेखनीय बिक्री का आंकड़ा भी हासिल किया, जो इस पहल की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता को दर्शाता है। बिक्री में वृद्धि और जेएके की संख्या का साल 2014 में केवल 80 से बढ़कर आज 14,000 से अधिक पहुंचना, एक दशक में 170 गुना से अधिक की आश्चर्यजनक वृद्धि को दर्शाती है। यह विस्तार भारत के हर कोने तक पहुंचने और लाखों लोगों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा को वास्तविकता बनाने की पीएमबीजेपी की प्रतिबद्धता को उजागर करता है।

वित्त वर्ष

कार्यात्मक पीएमबीजेपी केंद्रों की संख्या

वार्षिक वृद्धि

संचयी

2022-23

694

9,304

2023-24

702

10,006

2024-25

4,074

14,080

*23 अक्टूबर 2024 तक

 

भविष्य की ओर

अगले दो वर्षों में पूरे भारत में औषधि केंद्र। इस विस्तार का मकसद समुदायों को और अधिक सशक्त बनाना और स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच बढ़ाना है, खासकर उन लोगों के लिए जो वंचित हैं।

इन उपयोगकर्ता-अनुकूल केंद्रों पर प्रतिदिन करीब 1 मिलियन लोग आते हैं। पीएमबीजेपी यह सुनिश्चित करता है कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा हर किसी की पहुंच में हो, जीवन में बदलाव आए और पूरे देश में स्वास्थ्य परिणामों में सुधार हो। केंद्रों की संख्या बढ़ाकर, पीएमबीजेपी यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ समर्पित है कि हर नागरिक को उसकी ज़रूरत की दवाएं आसानी से मिल सकें।

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भरोसेमंद गुणवत्ता- गुणवत्ता का आश्वासन पीएमबीजेपी का मूलभूत पहलू है। दवाएं उन निर्माताओं से खरीदी जाती हैं, जो डब्ल्यूएचओ की अच्छी विनिर्माण प्रथाओं (जीएमपी) सहित कड़े मानकों का पालन करते हैं। दवाओं के प्रत्येक बैच को राष्ट्रीय परीक्षण और मापांकन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) द्वारा मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में कठोर परीक्षण से गुजरना पड़ता है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि प्रत्येक उत्पाद उपभोक्ता तक पहुंचने से पहले सुरक्षा, प्रभावकारिता और अनुपालन के उच्चतम मानकों को पूरा करता हो।

दवाओं को आम तौर पर 50% कम कीमतों और कुछ मामलों में ब्रांडेड विकल्पों की तुलना में 80% से 90% कम कीमतों पर उपलब्ध कराते हुए, पीएमबीजेपी लोगों के स्वास्थ्य देखभाल के वित्तीय बोझ को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, खासकर जरूरतमंद लोगों के लिए। यह दृष्टिकोण न केवल स्वास्थ्य समानता को बढ़ावा देता है बल्कि लोगों को अत्यधिक लागत के तनाव के बिना, अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का अधिकार भी देता है।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना इस बात का ज्वलंत उदाहरण है कि कैसे विचारशील पहल समाज पर गहरा प्रभाव डाल सकती है। अक्टूबर 2024 में 1000 करोड़ रुपये की बिक्री तक पहुंचने की हालिया उपलब्धि, समुदाय के विश्वास और समर्थन का स्पष्ट प्रमाण है। पीएमबीजेपी सुलभ, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल का मार्ग प्रशस्त कर रहा है, ताकि हर नागरिक एक स्वस्थ भविष्य का आनंद ले सके।

सामर्थ्य और पहुंच पर ध्यान केंद्रित करते हुए पीएमबीजेपी आशा की किरण के रूप में उभरा है, जो स्वास्थ्य समानता का समर्थन करता है और पूरे भारत में लोगों को सशक्त बना रहा है। जैसे-जैसे यह आगे बढ़ रहा है, यह पहल न केवल स्वास्थ्य सेवा वितरण में बदलाव ला रही है बल्कि एक स्वस्थ, अधिक न्यायसंगत राष्ट्र की सामूहिक विचारधारा को भी प्रेरित करती है।

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