एनईएसटीएस ने ईएमआरएस के प्रभावी प्रबंधन के बारे में ‘ईएमआरएस प्रिंसिपल्स कॉन्क्लेव’ का आयोजन किया

नईदिल्ली (पीआईबी)नेशनल एजुकेशन सोसाइटी फॉर ट्राइबल स्टूडेंट्स (एनईएसटीएस) ने “स्कूलों के प्रभावी प्रबंधन के बारे में ईएमआरएस प्रिंसिपल्स कॉन्क्लेव” का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस कार्यक्रम, जो जनजातीय शिक्षा पर केन्द्रित अपनी तरह की पहली पहल है, ने प्रभावी स्कूल प्रबंधन पर चर्चा करने और रणनीति बनाने हेतु देश भर के एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) के प्रधानाचार्यों और प्रभारी प्रधानाचार्यों को एक मंच पर साथ लाया। एनईएसटीएस के आयुक्त श्री अजीत कुमार श्रीवास्तव ने चर्चा की शुरुआत की और इस सम्मेलन के आयोजन के पीछे की अवधारणा के बारे में विस्तार से समझाया।

एनईएसटीएस के आयुक्त श्री अजीत कुमार श्रीवास्तव

मुख्य अतिथि श्री विभू नायर, आईएएस, सचिव, जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार ने अपने मुख्य भाषण में, प्रभावी प्रबंधन से जुड़ी कार्यप्रणालियों के माध्यम से ईएमआरएस में जनजातीय शिक्षा को बढ़ाने में प्रधानाचार्यों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने प्रतिभागियों को ईएमआरएस के प्रदर्शन को बेहतर बनाने और जनजातीय समुदायों की प्रभावी ढंग से सेवा करने हेतु नवीन रणनीतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

श्री विभू नायर, आईएएस, सचिव, जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार

दो दिनों में, प्रतिभागियों ने शैक्षणिक पहल, मानसिक स्वास्थ्य एवं कल्याण, सुरक्षा के उपाय, सीबीएसई संबद्धता प्रक्रियाएं, वित्तीय प्रबंधन, खरीद और मानव संसाधन के मामले जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा की। सीबीएसई, यूनिसेफ, एनवीएस और एनसीईआरटी जैसे संगठनों के प्रतिष्ठित वक्ताओं ने ईएमआरएस के प्रबंधन को बेहतर बनाने हेतु बहुमूल्य सुझाव और रणनीतियां प्रदान कीं। प्रत्येक सत्र में एक खुला मंच शामिल था जहां प्रतिनिधियों ने आम चुनौतियों को साझा किया, सहयोगात्मक समस्या-समाधान को विकसित किया और ज्ञान साझाकरण को समृद्ध किया, जिससे अंततः सम्मेलन की प्रभावशीलता में वृद्धि हुई।

इस कॉन्क्लेव ने प्रधानाचार्यों और प्रभारी प्रधानाचार्यों को संसाधन प्रबंधन, नेतृत्व विकास एवं ईएमआरएस में सीखने के अनुकूल माहौल के निर्माण में अपने कार्यात्मक ज्ञान को बढ़ाने के लिए एक मूल्यवान मंच प्रदान किया। जनजातीय छात्रों के शैक्षिक अनुभव को बेहतर बनाने के उद्देश्य से प्रधानाचार्य व्यावहारिक उपकरणों एवं रणनीतियों से लैस होकर इस कार्यक्रम से विदा हुए।

एनईएसटीएस की यह पहल ‘शिक्षा के माध्यम से जनजातीय समुदायों के परिवर्तन’  के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रकट करती है और देश भर में स्थित ईएमआरएस के प्रबंधन पर इसका स्थायी सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। 

कॉन्क्लेव के प्रतिभागी

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