डीपीआईआईटी ने पटना में पीएम गतिशक्ति पूर्वी जोन जिला स्तरीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया

नईदिल्ली (पीआईबी)उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने पटना में चौथी पीएम गतिशक्ति पूर्वी जोन जिला स्तरीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में केंद्रीय मंत्रालयों, बिहार, ओडिशा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल के 44 जिलों के राज्य सरकारों और जिला प्रशासन के 100 से अधिक अधिकारियों ने भाग लिया।इस कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार सरकार के उद्योग एवं पर्यटन मंत्री श्री नीतीश मिश्रा ने किया। कार्यक्रम में डीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव श्री ई. श्रीनिवास, बिहार सरकार के उद्योग विभाग की सचिव श्रीमती बंदना प्रेयसी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए।श्री नीतीश मिश्रा ने जोर देकर कहा कि सभी हितधारकों को 2047 के विकसित भारत विजन को हासिल करने के लिए सामूहिक रूप से मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने विभिन्न राज्य स्तर के विभागों और जिलों के अधिकारियों से परियोजना नियोजन और डेटा आधारित निर्णय लेने के लिए पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का लाभ उठाने का आग्रह करते हुए इस बात पर जोर दिया कि इस दृष्टिकोण से निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी।श्री ई. श्रीनिवास ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान राष्ट्र के विकास की आधारशिला बन गया है, जो विकसित भारत 2047 विजन के साथ पूरी तरह जुड़ा हुआ है। 13 अक्टूबर, 2021 को प्रधानमंत्री द्वारा इसके शुभारंभ के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्य में, उन्होंने बताया कि नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) ने 213 परियोजनाओं का मूल्यांकन किया है; 17 परियोजनाएं या तो बिहार में स्थित होंगी या राज्य से होकर गुज़रेंगी, जिनमें से 8 एमओआरटीएच, 7 एमओआर, 1 एनआईसीडीसी और 1 एमओसीए से जुड़ी परियोजनाएं हैं। इसके अलावा, अमृतसर कोलकाता औद्योगिक गलियारा (एकेआईसी) परियोजना के तहत गया में एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (आईएमसी)” का मूल्यांकन किया गया है, जिससे गया के विकास में महत्वपूर्ण योगदान मिलने की उम्मीद है।कार्यशाला के दौरान, बीआईएसएजी-एन और विभिन्न बुनियादी ढांचा और सामाजिक क्षेत्र मंत्रालयों/ विभागों (जैसे सड़क, राजमार्ग और परिवहन मंत्रालय, रेलवे मंत्रालय, दूरसंचार विभाग, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग और जनजातीय कार्य मंत्रालय) द्वारा पीएमजीएस के सर्वोत्तम तौर तरीकों और उपयोग के मामलों का प्रदर्शन किया गया। साथ ही, सहयोग और बेहतर योजना बनाने के लिए नीति आयोग के आकांक्षी जिलों के कार्यक्रम के साथ पीएमजीएस की भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी और क्षेत्र विकास दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया।इसके अलावा, बुनियादी ढांचे, सामाजिक और आर्थिक सुविधाओं की प्रभावी योजना बनाने में पीएमजीएस एनएमपी प्लेटफॉर्म की उपयोगिता और जिला मास्टर प्लान (डीएमपी) का उपयोग करके समग्र क्षेत्र-आधारित योजना बनाने में जिलाधिकारियों की भूमिका पर जोर दिया गया। कार्यशाला में, 27 आकांक्षी जिलों के लिए 15 अक्टूबर 2024 को केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल द्वारा लॉन्च किए गए जिला मास्टर प्लान के बीटा संस्करण का भी प्रदर्शन किया गया।इसके अलावा, जिलाधिकारियों ने पोर्टल का उपयोग करके बुनियादी ढांचे और सामाजिक क्षेत्र के विकास के लिए संभावित क्षेत्रों पर प्रकाश डाला। संभावित उपयोग के कुछ उदाहरणों में शामिल हैं: क) मौजूदा और आने वाले औद्योगिक समूहों में औद्योगिक क्लस्टर और मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी स्थापित करने के लिए उपयुक्त स्थलों की पहचान करना, मखाना और मक्का प्रसंस्करण इकाई और जूट से संबंधित उत्पादों के विकास के लिए एनएच मनिहारी के पास उपयुक्त भूमि की पहचान करना और कटिहार (बिहार) में फूड हब के विकास की योजना बनाना ख) उधमसिंह नगर (उत्तराखंड) में खुरपिया फार्म और चिकित्सा सुविधाओं (20 किमी बफर/30 मिनट का समय) के आसपास बुनियादी सुविधाओं का अंतर विश्लेषण। इसके अलावा जिलों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि पीएम गतिशक्ति एनएमपी पर चिह्नित किया गया डेटा आपदा प्रबंधन के लिए बेहद मूल्यवान हो सकता है। यह डेटा जिला अधिकारियों को आपात स्थिति के दौरान सोचे-समझे, डेटा आधारित निर्णय लेने में सक्षम बनाएगा।प्रतिभागियों को पीएम गतिशक्ति के लाभों के बारे में जागरूक करने के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण भी आयोजित किया गया, जिसमें सभी मौसमों के लिए उपयुक्त सड़कों, बिजली, इंटरनेट, पेयजल आदि सुविधाओं से पूरी तरह जुड़े क्षेत्र विकास के उपयोग के मामलों की पहचान करना शामिल था। कार्यशाला ने जिलों, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के बीच व्यापक विचार-विमर्श और पारस्परिक ज्ञान के लिए पीएम गतिशक्ति एनएमपी के संबंधित हितधारकों को एक साथ लाने के लिए एक प्रभावी साधन के रूप में कार्य किया।जिला स्तर पर पीएम गतिशक्ति को अपनाने के प्रभाव को और बढ़ाने के लिए, डीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव ने कहा कि बीआईएसएजी-एन के सहयोग से, अलग-अलग जिला-स्तरीय पोर्टल (जिला मास्टर प्लान) का निर्माण, जिला नोडल अधिकारियों के लॉगिन क्रेडेंशियल और जिला स्तरीय डेटा लेयर्स के साथ एनएमपी/एसएमपी को समृद्ध करना, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, उपकरणों का विकास, उपयोग के मामले आदि काम संबंधित राज्य पीएम गतिशक्ति इकाइयों और उद्योग विभागों के माध्यम से किए जाएंगे। जिला मास्टर प्लान पोर्टल अलग-अलग नियोजन मुद्दों को संबोधित करके और केंद्रीय और राज्य मंत्रालयों/विभागों की विशाल डेटा लेयर्स की उपलब्धता के माध्यम से जिला-स्तरीय परियोजना नियोजन की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे नियोजन में एक एकीकृत और समग्र दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलेगा।जिला स्तरीय आउटरीच कार्यक्रमों से देश में क्षेत्र स्तर पर आर्थिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे दोनों के लिए क्षेत्र विकास योजना को बल मिलने की उम्मीद है। इससे पहले मध्य, पश्चिमी और दक्षिणी जोन्स की क्रमशः भोपाल (18 जनवरी 2024), पुणे (09 फरवरी 2024) और तिरुवनंतपुरम (13 अगस्त 2024) में कार्यशालाएं आयोजित की गई थीं।पीएम गतिशक्ति (पीएमजीएस) राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 13 अक्टूबर, 2021 को स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके एकीकृत मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी की सुविधा के लिए लॉन्च किया था। इसके ढांचे में केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर एक अंतर-मंत्रालयी तंत्र के साथ-साथ जीआईएस-आधारित निर्णय समर्थन प्रणाली शामिल है, जो पूरे देश में बुनियादी ढांचे की योजना और विकास को बढ़ाती है।अपने शुभारंभ के बाद से, पीएमजीएस एनएमपी ने समग्र योजना के लिए ‘क्षेत्र विकास दृष्टिकोण’ को अपनाने के लिए विभिन्न बुनियादी ढांचा और सामाजिक क्षेत्र के मंत्रालयों/विभागों और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से सफल उपयोग के मामलों पर विचार किया है। प्रभावी आर्थिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे की योजना के लिए राज्य, केंद्र शासित प्रदेश और जिला स्तर पर व्यापक जानकारी की आवश्यकता होती है। जिलाधिकारी, स्थानीय चुनौतियों और प्राथमिकताओं की अपनी गहरी समझ के साथ, डेटा को सत्यापित करने और जिला स्तर पर पीएमजीएस ढांचे को लागू करने के लिए आवश्यक हैं।पीएमजीएस को जिला/स्थानीय स्तर पर ले जाने के प्रयास में, बीआईएसएजी-एन के तकनीकी समर्थन के साथ लॉजिस्टिक्स डिवीजन 100 से अधिक जिलों को शामिल करते हुए छह अखिल भारतीय जिला स्तरीय कार्यशालाओं की एक श्रृंखला आयोजित कर रहा है।

Post a Comment

Previous Post Next Post

प्रेस विज्ञप्ति व विज्ञापन के लिये ,हमें ईमेल करे editordharasakshi@gmail.com