पंचायती राज मंत्रालय ने हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडी एंड पीआर) में पंचायत सम्मेलन श्रृंखला के अंतर्गत "जीवन की सुगमता: जमीनी स्तर पर सेवा वितरण को बढ़ावा देना" विषय पर पहली क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया। पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री विवेक भारद्वाज ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और इस कार्यशाला का उद्घाटन किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री विवेक भारद्वाज ने प्रत्येक पंचायत को कुशल, पारदर्शी और उत्तरदायी सेवाओं के केंद्र में बदलने की सरकार की प्रतिबद्धता का उल्लेख किया। इस सम्मेलन के महत्व को रेखांकित करते हुए श्री भारद्वाज ने कहा कि "सेवा भाव" के साथ प्रभावी सेवा वितरण ग्रामीण आत्मनिर्भरता और स्वैच्छिक कर अनुपालन को मजबूत करने की कुंजी है।श्री विवेक भारद्वाज ने गुणवत्तापूर्ण सेवा वितरण और नागरिकों द्वारा स्वेच्छा से कर चुकाने की प्रवृत्ति के बीच सीधे संबंध पर भी चर्चा की और कहा कि इससे पंचायतें स्व-उत्पन्न राजस्व के माध्यम से आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में सक्षम हुईं है। उन्होंने कहा कि सफल सेवा वितरण मॉडल का दस्तावेजीकरण करके इसे अन्य पंचायतों के साथ साझा किया जाना चाहिए और अनुकरणीय सेवा वितरण ढांचे वाले राज्यों को मॉडल प्रतिकृति के लिए दूसरों के साथ सहयोग करना चाहिए। श्री विवेक भारद्वाज ने यह भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ऑनलाइन सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने के लिए पंचायती राज मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों की ग्राम पंचायतों को 22,164 कंप्यूटर देने को मंजूरी दी है, जहां पहले कंप्यूटर उपलब्ध नहीं थे। श्री भारद्वाज ने बताया कि मंत्रालय ने 3,301 ग्राम पंचायत भवनों के निर्माण को भी मंजूरी दी है, जिसमें को-लोकेटेड कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) शामिल होंगे, जो जमीनी स्तर पर डिजिटल बुनियादी ढांचे को और मजबूत बनाएंगे।
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए, एनआईआरडी एंड पीआर के महानिदेशक डॉ. जी. नरेंद्र कुमार ने बताया कि पंचायत प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को जमीनी स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाने का काम सौंपा गया है। उन्होंने कहा, "पंचायत प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को अत्याधुनिक उपकरणों और ज्ञान से लैस करके, हम एक ऐसी शासन क्रांति के लिए मंच तैयार कर रहे हैं जिसकी शुरुआत जमीनी स्तर से होगी।"
अपने उद्घाटन भाषण में पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री आलोक प्रेम नागर ने एनआईसी के सर्विसप्लस और यूनिसेफ के रैपिडप्रो सहित विभिन्न डिजिटल इन्टर्वेन्शन्स पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में प्रौद्योगिकी के अभिनव उपयोग और सहयोगी शिक्षण ने पंचायत सम्मेलन की श्रृंखला में भविष्य की क्षेत्रीय कार्यशालाओं के लिए एक नया मानदंड स्थापित किया है। उन्होंने बताया कि हैदराबाद पंचायत सम्मेलन का भाषिणी मंच के माध्यम से बंगाली, अंग्रेजी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, मलयालम, मराठी, ओड़िया पंजाबी, तमिल और तेलुगु सहित ग्यारह भाषाओं में सीधा प्रसारण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह भाषाई पहुंच मंत्रालय की समावेशी शासन और विविध भाषाई समुदायों में प्रभावी ज्ञान प्रसार के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
तेलंगाना सरकार में पंचायत राज एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री लोकेश कुमार डी.एस. ने हैदराबाद में इस कार्यशाला के आयोजन के लिए पंचायती राज मंत्रालय का आभार व्यक्त किया। यह कार्यशाला पंचायत सम्मेलन के अंतर्गत चार क्षेत्रीय कार्यशालाओं की श्रृंखला में पहली कार्यशाला के रूप में आयोजित की गई थी। इस कार्यक्रम का प्राथमिक उद्देश्य जमीनी स्तर पर सेवा वितरण को बढ़ाने के लिए नवीन दृष्टिकोणों पर विचार-विमर्श करना और अनुभव साझा करना था। इस कार्यशाला में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, झारखंड, मध्य प्रदेश, मिजोरम और ओडिशा के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और सेवा वितरण में चुनौतियों और अवसरों पर अपने विचार साझा किए।
सत्रों में ग्रामीण सेवा वितरण के लिए प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर जीवन को सुगम बनाने के विषय पर चर्चा की गई। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने ऑनलाइन सेवा वितरण के लिए कॉन्फ़िगर करने योग्य कस्टम सर्विस प्लस प्लेटफ़ॉर्म को दर्शाया और वाधवानी फाउंडेशन, भाषिनी और यूनिसेफ की प्रस्तुतियों ने स्थानीय स्तर पर संचार और सेवा वितरण को सुव्यवस्थित करने में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और डिजिटल पब्लिक गुड्स (डीपीजी) की क्षमता को प्रदर्शित किया। एनआईआरडी एंड पीआर ने ग्रामीण सेवा वितरण की बेंचमार्किंग पर भी एक सत्र आयोजित किया, जिसमें सेवा प्रभावशीलता का मूल्यांकन बढ़ाने के लिए रूपरेखा प्रदान की गई। पंचायत सम्मेलन ने प्रतिभागियों को पंचायत स्तर पर शासन और सेवा वितरण तंत्र को बढ़ाने के लिए उन्नत ज्ञान और कार्रवाई योग्य रणनीतियों पर चर्चा करने का अवसर प्रदान किया।
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