मायूसी से छुटकारा पाने के लिए बेस्‍ट हैं ये घरेलू उपाय, तुरंत महसूस करेंगे राहत


 

मायूसी या उदासी एक ऐसी मानसिक स्थिति है जो कभी-कभी किसी कारणवश जीवन में आती है, और इससे छुटकारा पाने के लिए हमें अपने दैनिक जीवन में कुछ बदलाव करने की जरूरत होती है। इसके लिए कई घरेलू उपाय मददगार हो सकते हैं, जो न सिर्फ मन को हल्का करते हैं बल्कि तुरंत राहत भी देते हैं।

1. योग और ध्यान:
योग और ध्यान मन को शांति प्रदान करने के लिए बहुत ही प्रभावी उपाय हैं। रोजाना 10-15 मिनट का ध्यान करने से मानसिक तनाव कम होता है और मन को सकारात्मकता की ओर ले जाता है। 'प्राणायाम' जैसे श्वास तकनीकें बहुत फायदेमंद होती हैं, जो मन की उदासी को दूर करने में मदद करती हैं।

2. हर्बल चाय:
तुलसी, अदरक, और शहद से बनी हर्बल चाय से भी तनाव और मायूसी दूर होती है। ये प्राकृतिक तत्व शरीर को आराम देते हैं और मन को ताजगी प्रदान करते हैं। अदरक और शहद मिलाकर चाय पीने से मानसिक थकावट कम होती है।

3. संतुलित आहार:
मायूसी के समय अक्सर लोग या तो बहुत ज्यादा खाते हैं या बहुत कम, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। हरी सब्जियां, फल, नट्स, और दूध जैसे संतुलित आहार सेहत के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होते हैं। खासकर, बादाम और अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो मूड को बेहतर करता है।

4. संगीत और नृत्य:
म्यूजिक थेरपी मानसिक तनाव को कम करने का एक बढ़िया उपाय है। अपनी पसंद का सुकून भरा संगीत सुनें या हल्के-फुल्के नृत्य करें। यह आपके दिमाग को शांत करेगा और आप तुरंत अच्छा महसूस करेंगे।

5. दोस्तों और परिवार से बात करें:
अकेलेपन में मायूसी बढ़ सकती है। ऐसे में अपने करीबी दोस्तों या परिवार से बातें करें। उनसे अपनी समस्याओं को साझा करें, इससे आपका मन हल्का होगा और आप मानसिक रूप से आराम महसूस करेंगे।

6. पर्याप्त नींद:
नींद की कमी मानसिक स्थिति को और खराब कर सकती है। हर दिन कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें। यह आपके मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाएगी और आपकी मायूसी को कम करेगी।

7. सूरज की रोशनी में समय बिताएं:
सूरज की रोशनी विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत है, जो मूड सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रोजाना सुबह या शाम को थोड़ी देर खुली हवा में टहलें और सूरज की हल्की रोशनी का आनंद लें।

इन घरेलू उपायों को अपनाकर आप धीरे-धीरे मायूसी और उदासी से छुटकारा पा सकते हैं। हालांकि, अगर समस्या ज्यादा गंभीर हो तो किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लेना भी जरूरी हो सकता है।

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