पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने आज कहा कि "भारत अगले पांच वर्षों में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की ओर अग्रसर है।" भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित 12वें सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (पीएसई) शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री पुरी ने 2014 में एक कमजोर अर्थव्यवस्था से आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के भारत के परिवर्तन पर विचार व्यक्त करते हुए भारत की उल्लेखनीय आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाने और सतत ऊर्जा भविष्य को प्रोत्साहित करने में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (पीएसई) की भूमिका पर प्रकाश डाला।
श्री पुरी ने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनने की दिशा में भारत का कदम मजबूत सुधारों और इसके सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की प्रतिबद्धता पर आधारित है। उन्होंने पिछले दशक में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के लचीलेपन और प्रदर्शन की प्रशंसा की और कहा कि उनका योगदान भारत की आर्थिक स्थिरता और प्रगति में अभिन्न रहा है। उन्होंने कहा, "जैसा कि हम भविष्य की ओर देखते हैं, अगले कुछ साल भारत की अगली छलांग के लिए जमीनी तैयारी करने में महत्वपूर्ण होंगे।"
मंत्री महोदय ने भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के उल्लेखनीय प्रदर्शन को दर्शाने वाले कई प्रमुख आंकड़े साझा किए। केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) की कुल संपत्ति में 82 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो वित्त वर्ष 14 में 9.5 ट्रिलियन रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 23 में 17.33 ट्रिलियन रुपये हो गई है। उत्पाद शुल्क, करों और लाभांश के माध्यम से राष्ट्रीय खजाने में सीपीएसई का योगदान दोगुना से अधिक हो गया है, जो वित्त वर्ष 14 में 2.20 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 23 में 4.58 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि लाभ अर्जित करने वाले सीपीएसई का शुद्ध लाभ 87 प्रतिशत बढ़ा है, यह वित्त वर्ष 2014 में 1.29 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2023 में 2.41 लाख करोड़ रुपये हो गया है। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सभी 81 सूचीबद्ध पीएसई का कुल बाजार पूंजीकरण पिछले एक दशक में पीएसई सूचकांक और बीएसई सेंसेक्स दोनों से आगे निकलकर 225 प्रतिशत बढ़ा है।
मंत्री महोदय ने भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक दृष्टिकोण की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसमें तीन प्रमुख सिद्धांतों पर जोर दिया गया: उपलब्धता, सामर्थ्य और स्थिरता। उन्होंने कहा, "स्थिरता हमारी ऊर्जा रणनीति की आधारशिला है और यह सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को सतत विकास के साधन में परिवर्तित करने के हमारे व्यापक दृष्टिकोण से सीधे जुड़ी हुई है।"
भारत के स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करने के एक प्रमुख उदाहरण के रूप में, श्री पुरी ने बायोएथेनॉल मिश्रण में हुई महत्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, " वर्ष 2014 में 1.53 प्रतिशत से, इथेनॉल मिश्रण वर्ष 2024 में बढ़कर 15 प्रतिशत हो गया है। केंद्र सरकार ने 20 प्रतिशत मिश्रण के लक्ष्य को 2025 तक प्राप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है - जो तय समय से पांच साल पूर्व है।" मंत्री महोदय ने यह भी बताया कि 2025 के बाद के चरण के लिए रोडमैप विकसित करने पर चर्चा प्रारंभ हो चुकी है, अर्थात 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण लक्ष्य प्राप्त करने के बाद, बायोएथेनॉल क्षेत्र में निरंतर विकास सुनिश्चित करना और भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को आगे बढ़ाना।
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