नईदिल्ली (पीआईबी)वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डीएसआईआर) को स्वदेशी प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने, विकसित करने, उपयोग करने और हस्तांतरित करने का अधिकार है, जिसका उद्देश्य देश में औद्योगिक अनुसंधान को प्रोत्साहित करना, नवाचार के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देना और नई प्रौद्योगिकियों के विकास और अनुप्रयोग को बढ़ावा देना है। इस मिशन के अनुरूप, डीएसआईआर "कॉमन रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट हब (सीआरटीडीएच)" कार्यक्रम को लागू कर रहा है, जिसे सार्वजनिक वित्त पोषित अनुसंधान संस्थानों (पीएफआरआई) में अनुसंधान एवं विकास संबंधी बुनियादी ढांचे को मजबूत करते हुए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास और नवाचार गतिविधियों का संचालन हेतु प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। भारत की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई की महत्वपूर्ण भूमिका को चिन्हित हुए, यह कार्यक्रम वैज्ञानिक प्रगति, तकनीकी नवाचार और सामाजिक-आर्थिक विकास का समर्थन करने के लिए अनुसंधान एवं विकास संबंधी बुनियादी ढांचे के निर्माण पर केंद्रित है।2014-15 में शुरू किया गया सीआरटीडीएच कार्यक्रम अब अपने 10वें वर्ष में पहुंच गया है। इसने देश भर में 18 सीआरटीडीएच को सफलतापूर्वक समर्थन दिया है। इन केंद्रों ने महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं और हितधारकों के बीच प्रेरक सफलता की गाथाएं तैयार की हैं। इससे "आत्मनिर्भर भारत" का विजन आगे बढ़ा है और "वोकल फॉर लोकल" अभियान की गति को तेजी मिली है। इन निरंतर उपलब्धियों को विविध हितधारकों के सामने प्रदर्शित करना आवश्यक है, जिनमें वे भी शामिल हैं और जो अभी तक सीआरटीडीएच नेटवर्क का हिस्सा नहीं हैं। इसी भावना से, डीएसआईआर 13-14 नवंबर को भुवनेश्वर में सीएसआईआर-आईएमएमटी में डीएसआईआर-सीआरटीडीएच कॉन्क्लेव 2024 का आयोजन कर रहा है, जहां सभी 18 सीआरटीडीएच भाग लेंगे और दो दिवसीय कार्यक्रम में अपनी उपलब्धियों को प्रस्तुत करेंगे। यह कॉन्क्लेव अनेक हितधारकों के साथ सहयोग को बढ़ावा देगी, जिससे कम उपयोग किए गए संसाधनों की विशाल क्षमता का लाभ प्राप्त होगा। डीएसआईआर ने पहले तीन सफल सम्मेलन: 2019 में सीएसआईआर-सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (सीसीएमबी), हैदराबाद; 2022 में सीएसआईआर- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सीकोलॉजी रिसर्च, लखनऊ और 2023 में आईआईटी गांधीनगर में आयोजित किए हैं।डीएसआईआर-सीआरटीडीएच कॉन्क्लेव 2024 की शुरुआत 13 नवंबर, 2024 को सीएसआईआर-आईएमएमटी भुवनेश्वर के निदेशक डॉ. रामानुज नारायण के स्वागत भाषण के साथ होगी। उद्घाटन का नेतृत्व डीएसआईआर के सचिव और सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. एन. कलैसेल्वी करेंगे, जो उद्घाटन भाषण भी देंगे। कॉन्क्लेव में डीएसआईआर के वैज्ञानिक जी और प्रमुख-सीआरटीडीएच डॉ. विपिन सी. शुक्ला, ओडिशा सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के प्रधान सचिव श्री हेमंत शर्मा (आईएएस), ओडिशा सरकार की हस्तशिल्प निदेशक श्रीमती प्रणति छोत्रे (आईएएस), और भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय के तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास संस्थान, कटक के निदेशक श्री पी.के. गुप्ता द्वारा संबोधन दिया जाएगा।इस कार्यक्रम में विभिन्न सीआरटीडीएच द्वारा विकसित उत्पादों और प्रोटोटाइपों के साथ-साथ इन हब में इनक्यूबेट किए गए एमएसएमई और स्टार्ट-अप्स को दिखाई जाने वाली एक प्रदर्शनी का उद्घाटन भी शामिल होगा। पोस्टर के अलावा, प्रदर्शनी में सीआरटीडीएच की उपलब्धियों और गतिविधियों पर प्रकाश डाला जाएगा। यह प्रदर्शनी प्रतिभागियों को विभिन्न सीआरटीडीएच की उपलब्धियों के बारे में जानने का अवसर प्रदान करेगी और एमएसएमई/स्टार्ट-अप को अन्य सीआरटीडीएच के साथ बातचीत करने का मौका देगी, जिनके साथ वे वर्तमान में जुड़े नहीं हो सकते हैं।दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान कुल चार तकनीकी सत्र आयोजित किए जाएंगे। इन सत्रों में विभिन्न सीआरटीडीएच और उनसे जुड़े एमएसएमई की चुनौतियों, सीख और सफलता की कहानियों पर विस्तृत विचार-विमर्श होगा। प्रत्येक सत्र में एक प्रख्यात विशेषज्ञ का मुख्य भाषण होगा और सीआरटीडीएच पीआई और एमएसएमई द्वारा अनुभव साझा किया जाएगा। कॉन्क्लेव के बाद विभिन्न हितधारकों के लिए कार्यसूची तैयार की जाएगी। डीएसआईआर में वैज्ञानिक-ई, और कॉन्क्लेव 2024 समन्वयक डॉ. सुमन मजूमदार द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया जाएगा।इस कार्यक्रम में डीएसआईआर अधिकारी डॉ. रणजीत बैरवा, वैज्ञानिक ई और सीआरटीडीएच के सदस्य सचिव और सीआरटीडीएच के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. यतेंद्र एस. चौधरी, सीएसआईआर-आईआईएमटी, भुवनेश्वर, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) और स्टार्ट-अप और उद्योग संघों के प्रतिनिधि अपने अनुसंधान एवं विकास प्रयासों में सीआरटीडीएच के लाभों का लेखा-जोखा करने के लिए भाग लेंगे।
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