प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता को संस्थागत बनाने और सरकारी मामलों में लंबित मामलों को न्यूनतम करने के विजन और मिशन से प्रेरणा लेते हुए नीति आयोग ने 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2024 तक विशेष अभियान 4.0 (कार्यान्वयन चरण) का शुभारंभ किया, इसमें लंबित मामलों के निपटान, बेहतर स्थान प्रबंधन और पर्यावरण तथा सरकारी बुनियादी ढांचे को स्वच्छ और हरित बनाने पर विशेष जोर दिया गया।
यह व्यापक अभियान दो अलग-अलग चरणों में चला और इसने कुशल शासन और सार्वजनिक सेवा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दिखाया :
- प्रारंभिक चरण (16 से 30 सितम्बर , 2024): इस प्रारंभिक चरण के दौरान, नीति आयोग ने समीक्षा हेतु 10,38912 संसदीय आश्वासन, 1 पीएमओ संदर्भ, 1 राज्य सरकार संदर्भ तथा स्वच्छता और स्थान प्रबंधन के लिए कार्यालय स्थान की पहचान जिन्हें 2 अक्टूबर, 2024 से 31 अक्टूबर,2024 तक विशेष अभियान 3.0 के दौरान निपटान के लिए तैयार किया गया है।
- कार्यान्वयन चरण (2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर, 2024): इसके बाद के चरण में, नीति आयोग ने 5 लंबित लोक शिकायत याचिकाओं, पीएमओ और राज्य सरकार के 1-1 संदर्भ और 3 संसदीय आश्वासनों का 100% सफलतापूर्वक निपटारा किया। कुल 10389 फाइलों की समीक्षा की गई, जिनमें से 720 फाइलों की पहचान छँटाई के लिए की गई। इसके अलावा, कार्यालय स्थलों, बाहरी परिसरों, रिकॉर्ड रूम और विभागीय कैंटीन में सफाई गतिविधियाँ की गईं। यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि फाइलों के निपटान और कार्यालय स्थल प्रबंधन में सुधार के माध्यम से लगभग 1956 वर्ग फुट जगह खाली की गई, जिससे कार्यस्थल और आसपास का वातावरण अधिक पर्यावरण अनुकूल हो गया।
इस अभियान को नीति आयोग में 14 सितंबर से 2 अक्टूबर 2024 तक स्वच्छता ही सेवा अभियान 2024 द्वारा बढ़ाया गया, जिसमें विभाग ने निम्नलिखित गतिविधियाँ कीं:
- वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नीति आयोग में रिकॉर्ड रूम का निरीक्षण, जिसमें फाइल समीक्षा, पुराने रिकॉर्डों की छंटाई एवं डिजिटलीकरण तथा स्क्रैप के निपटान पर विशेष जोर दिया गया;
- नीति आयोग के अधिकारियों/कर्मचारियों के बीच जागरूकता पैदा करने के लिए स्वच्छता जागरूकता अभियान;
- नीति आयोग कार्यालय परिसर में स्वच्छता अभियान;
- नीति आयोग के विभागीय कैंटीन की गहन सफाई;
- नीति आयोग के माननीय उपाध्यक्ष ने नीति आयोग के कर्मचारियों को स्वच्छता की शपथ दिलाई, जिसके बाद नीति आयोग के बाहरी परिसर में स्वच्छता अभियान चलाया गया, जिसका नेतृत्व नीति आयोग के माननीय उपाध्यक्ष (श्री सुमन के. बेरी), नीति आयोग के माननीय सदस्य (श्री रमेश चंद) और नीति आयोग के माननीय सदस्य (श्री अरविंद विरमानी) ने किया।
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