भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने आज 05 नवंबर, 2024 को नई दिल्ली में 26वीं राष्ट्रीय तेल रिसाव आकस्मिक आपदा योजना (एनओएसडीसीपी) बैठक बुलाई, जिसमें भारतीय जलक्षेत्र में आकस्मिक तेल रिसाव से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए देश की तैयारियों की समीक्षा की गई। इसकी अध्यक्षता महानिदेशक परमेश शिवमणि ने की, जो एनओएसडीसीपी के अध्यक्ष भी हैं।इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, महानिदेशक आईसीजी ने समुद्री तेल और रासायनिक रिसाव सहित क्षेत्रीय खतरों से निपटने के लिए भारतीय तटरक्षक बल की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने साझेदारी को मजबूत करने, समन्वय में सुधार करने और उभरती प्रौद्योगिकियों में सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने के लिए हितधारकों के बीच सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।भारतीय अर्थव्यवस्था के तेजी के साथ ही जहाज के द्वारा तेल आयात बढ़ रहा है। यह रसायनों और अन्य खतरनाक सामग्रियों की आवाजाही के कारण, भारत के समुद्री क्षेत्रों, व्यापक समुद्र तट, तटीय आबादी, समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र और पर्यटन उद्योगों के लिए चुनौती पेश करता है। संभावित तेल रिसाव से समुद्री पर्यावरण की रक्षा के लिए केंद्रीय समन्वय एजेंसी, तटीय राज्यों, बंदरगाहों और अन्य हितधारकों के बीच मजबूत तैयारी सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।
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