चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने 13 नवंबर 2024 को दक्षिणी नौसेना कमान, कोच्चि में 35वें त्रि-सेवा कमांडर सम्मेलन (टीएसटीसीसी) की अध्यक्षता की। इस सम्मेलन में तीनों सेनाओं के कमांडरों, एकीकृत रक्षा स्टाफ (आईडीएस) मुख्यालय और विभिन्न सेवाओं के अधिकारियों ने भाग लिया।इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीडीएस ने प्रशिक्षण क्षेत्र में तीनों सेनाओं के बीच संयुक्तता और तालमेल के महत्व को रेखांकित किया, जो उभरते बहु-क्षेत्रीय युद्धक्षेत्र में प्रभुत्व कायम करने के लिए एक अग्रदूत है। उन्होंने कहा कि विशिष्ट सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने और एक एकीकृत सैन्य बल के रूप में भविष्य के युद्धों को लड़ने के लिए प्रशिक्षण विकसित किया जाना चाहिए।पिछले साल शिमला में आयोजित 34वें टीएसटीसीसी में निर्धारित एजेंडे को आगे बढ़ाते हुए, 35वें संस्करण में प्रगति की समीक्षा की गई और संयुक्त प्रशिक्षण के लिए तीनों सेनाओं में प्रशिक्षण सुविधाओं को अधिकतम करने के लिए भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा तैयार की गई। इस सम्मेलन में विकास की पृष्ठभूमि में क्षेत्र की भू-रणनीतिक स्थिति के परिदृश्य और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रशिक्षण को अनुकूल बनाने और सिद्धांत तैयार करने की आवश्यकता पर भी गहन चर्चा की गई। मौजूदा प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे व संसाधनों के अधिकतम उपयोग और संबंधित प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों की सामूहिक क्षमता का दोहन करने के लिए चर्चा की गई। नवीन प्रशिक्षण रणनीतियों पर जोर दिया गया जिसमें प्रौद्योगिकी और आधुनिक युद्ध रणनीति शामिल हो।टीएसटीसीसी का आयोजन तीनों सेनाओं के प्रशिक्षण कमानों द्वारा बारी-बारी से किया जाता है, जिसका उद्देश्य प्रशिक्षण में सर्वोत्तम तौर-तरीकों का आदान-प्रदान करते हुए सहयोग और प्रशिक्षण प्रभावशीलता को बढ़ाना है। यह सम्मेलन सेनाओं के प्रशिक्षण कमानों के स्टाफ अधिकारियों को एक मंच भी प्रदान करता है, जो संयुक्तता और सामंजस्य पर आधारित है तथा युद्ध प्रभावशीलता और बढ़ी हुई परिचालन क्षमताओं को हासिल करने के लिए सहयोगी प्रशिक्षण प्रयासों व रणनीतियों को तैयार करता है। टीएसटीसीसी ने, क्रमिक पुनरावृत्तियों के माध्यम से, संभावित चुनौतियों का सामूहिक रूप से सामना करने का मार्ग प्रशस्त किया है, जो वैचारिक और कार्यात्मक स्तर पर संयुक्तता, तालमेल और प्रयासों की एकरूपता के लिए प्रशिक्षण के महत्व को मजबूत करता है।इस अवसर पर सीडीएस का दक्षिणी नौसेना कमान का पहला दौरा भी हुआ। उन्होंने वाइस एडमिरल वी श्रीनिवास, फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ से बातचीत की और त्रि-सेवा के मुद्दों पर संयुक्त प्रशिक्षण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। कमान की भूमिका, कार्यप्रणाली और क्षमताओं का विस्तृत विवरण भी प्रस्तुत किया गया। सीडीएस ने एसएनसी के अधिकारियों को संबोधित किया और अपने दृष्टिकोण व अपेक्षाओं को साझा किया।
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