पेंशन और पेंशन भोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्लू) द्वारा 1 से 30 नवंबर, 2024 तक देश के 800 शहरों/जिलों में आयोजित राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान 3.0 का शुभारंभ 6 नवंबर, 2024 को राष्ट्रीय मीडिया केंद्र, नई दिल्ली में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के द्वारा किया जाएगा।पेंशन की नियमितता के लिए पेंशनरों को सालाना जीवन प्रमाण पत्र जमा करना होता है। पारंपरिक रूप से, जीवन प्रमाण पत्र भौतिक रूप से जमा किए जाते थे, जो पेंशनरों के लिए असुविधाजनक था। नवंबर 2014 में, प्रधान मंत्री द्वारा ऑनलाइन डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र, जीवन प्रमाण, जमा करने के लिए आधार आधारित योजना शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य प्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित करना और पेंशनरों को उनकी सुविधानुसार जीवन प्रमाण पत्र जमा करने में सहायता करना था, जिससे उनकी जीवनयापन में काफी आसानी हुई है।डिजिटल जीवन प्रमाण पत्रों के लाभ और उन्हें जेनरेट करने की तकनीकों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए, 1 से 30 नवंबर, 2022 तक 37 शहरों में केंद्र सरकार के पेंशनरों के लिए राष्ट्रव्यापी डीएलसी अभियान आयोजित किया गया था। डीएलसी अभियान 2.0 नवंबर 2023 में 100 शहरों में 597 स्थानों पर आयोजित किया गया था, जिसके तहत कुल 1.47 करोड़ डीएलसी जेनरेट किए गए थे, जिनमें से 45.46 लाख केंद्र सरकार के पेंशनरों के थे। 25.41 लाख डीएलसी चेहरे की पहचान तकनीक का उपयोग करके जेनरेट किए गए थे और 90 वर्ष से अधिक आयु के 30,500 से अधिक पेंशनरों ने डीएलसी का लाभ उठाया था।इस साल, डीओपीपीडब्लू तृतीय राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान का आयोजन कर रहा है, जो 1 से 30 नवंबर, 2024 तक भारत के 800 शहरों/जिलों में होंगे। इसके लिए, विभाग ने 9 अगस्त, 2024 के ओ.एम. के जरिए दिशानिर्देशों की अधिसूचना जारी की है। कुल 800 जिलों, 1900 शिविर स्थलो और 1000 नोडल अधिकारियों की मैपिंग करते हुए एक डेडिकेटेड डीएलसी पोर्टल बनाया गया है।यह अभियान पेंशन वितरित करने वाले बैंकों, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक(आईपीपीबी), पेंशनर कल्याण संघों, सीजीडीए, दूरसंचार विभाग, रेलवे के सहयोग से आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य देश के सबसे दूर-दराज के कोनों में सभी पेंशनरों तक पहुँचना है, और इसमें सभी हितधारकों के साथ व्यापक आउटरीच बैठकों और प्रशिक्षणों का आयोजन किया गया है। इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और यूआईडीएआई इस अभियान के दौरान पूर्ण तकनीकी सहायता प्रदान करेंगे।आईपीपीबी अपने 1.8 लाख डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों के विशाल नेटवर्क के माध्यम से 785 जिलों में शिविर आयोजित करेगा। आईपीपीबी देश भर के सभी श्रेणी के पेंशनरों के लिए उनके द्वार तक डीएलसी सेवाएं प्रदान करता है।पेंशन वितरित करने वाले 19 बैंक भी 150 शहरों में 750 से अधिक स्थानों पर शिविर आयोजित करेंगे। वृद्ध/विकलांग/बीमार पेंशनरों के लिए उनके घरों/अस्पतालों का दौरा किया जाएगा, जिससे उन्हें डिजिटल रूप से जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की सुविधा मिलेगी। ये कदम यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य यह है कि सभी पेंशनरों को अभियान से लाभ हो और यह विशेष रूप से सुपर सीनियर पेंशनरों के लिए सहायक है।डीओपीपीडब्लू के साथ पंजीकृत 57 पेंशनर कल्याण संघ इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। ये संघ शिविरों का आयोजन करेंगे और आईपीपीबी और पेंशन वितरित करने वाले बैंकों द्वारा आयोजित शिविरों के लिए पेंशनरों को एकत्र करेंगे।अभियान का मुख्य फोकस फेस ऑथेंटिफिकेशन (चेहरे की पहचान) तकनीक को बढ़ावा देना है। इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और यूआईडीएआई इस अभियान के दौरान तकनीकी सहायता प्रदान करेंगे। वृद्ध पेंशनरों के लिए चेहरे की पहचान तकनीक को और अधिक सहज और सुविधाजनक बनाया गया है, और इसे एंड्रायड और आईओएस दोनों पर इस्तेमाल किया जा सकता है। डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जेनरेशन (जीवन प्रमाण) के लाभों का उपयोग राज्य सरकारों, ईपीएफओ और स्वायत्त निकायों जैसे अन्य संगठनों के पेंशनरों द्वारा भी किया जा रहा है।डीडी, एआईआर और पीआईबी टीमें इस अभियान के लिए ऑडियो, विजुअल और प्रिंट प्रचार के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। एसएमएस, ट्वीट्स (#DLCCampaign3), जिंगल और लघु फिल्मों के माध्यम से अभियान के बारे में जागरूकता फैलाने के आउटरीच प्रयासों को और बढ़ाया जा रहा है।यह अब तक का सबसे बड़ा डिजिटल सशक्तिकरण अभियान होगा और इसका उद्देश्य सभी श्रेणी के पेंशनरों तक अधिकतम पहुँच प्राप्त करना है।
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