हैदराबाद, तेलंगाना, 13 नवंबर 2024 : उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय (एमडीओएनईआर) ने आज हैदराबाद में उत्तर पूर्व व्यापार और इनवेस्टमेंट रोड शो का आयोजन किया। शहर में पिछले आयोजन से मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया के बाद इस रोड शो में संभावित निवेशकों की गहरी दिलचस्पी रही, जो उत्तर पूर्वी राज्यों में अवसरों का पता लगाने के लिए उत्सुक थे। इस कार्यक्रम में उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास एवं शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार, मिजोरम के राज्यपाल डॉ. हरि बाबू कंभमपति, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी तथा पूर्वोत्तर राज्यों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
माननीय राज्य मंत्री ने क्षेत्र की समृद्ध विरासत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि "भारत की स्वतंत्रता से बहुत पहले, पूर्वोत्तर एक संपन्न औद्योगिक और आर्थिक केंद्र था।" उन्होंने असम के महत्व पर जोर देते हुए बताया की यहां दुनिया का सबसे पुराना तेल कुआं डिगबोई तेल क्षेत्र स्थित है और चाय के साथ भी इस क्षेत्र का गहरा संबंध है। उन्होंने पर्यटन, चिकित्सा पर्यटन और आईटी में क्षेत्र की अप्रयुक्त क्षमता पर ध्यान आकर्षित करते हुए हैदराबाद के स्वास्थ्य सेवा और आईटी क्षेत्रों से पूर्वोत्तर में विस्तार करने का आग्रह किया, ताकि युवा, शिक्षित कार्यबल और विशेष सेवाओं की बढ़ती मांग का लाभ उठाया जा सके। उन्होंने हैदराबादी मसालों और पूर्वोत्तर के जायकों के मिश्रण वाले फ्यूजन व्यंजनों के साथ खाद्य पर्यटन की अपार संभावनाओं पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार की 100 दिनों की उपलब्धियों के तहत उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं जैसे पीएम-डिवाइन, एनईएसआईडीएस आदि के तहत कई प्रभावशाली परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। सड़क अवसंरचना, स्वास्थ्य सेवा और बांस प्रसंस्करण पर केंद्रित ये परियोजनाएं पूर्वोत्तर भारत में जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाएंगी। माननीय राज्य मंत्री ने निवेशकों को पूर्वोत्तर की संभावनाओं का पता लगाने और इसकी अविश्वसनीय यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया।
मिजोरम के माननीय राज्यपाल डॉ. हरि बाबू कंभमपति ने अपने संबोधन में इस बात को रेखांकित किया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र एक रणनीतिक स्थान पर स्थित है, जहां से आसियान अर्थव्यवस्थाओं तक पहुंच आसान है और व्यवसायों के लिए आकर्षक अवसर उपलब्ध हैं। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि पूर्वोत्तर क्षेत्र की कनेक्टिविटी तेजी से विकसित हो रही है। व्यापक सड़क नेटवर्क, विस्तारित रेलवे मार्ग और 17 परिचालन हवाई अड्डों ने क्षेत्र की व्यावसायिक संभावनाओं को बढ़ाया है। पूर्वोत्तर क्षेत्र इतिहास, संस्कृति और प्राकृतिक सौंदर्य से समृद्ध है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जो लंबे समय से उपेक्षित रहा है लेकिन अब यह भारत के आर्थिक इंजन में से एक के रूप में अपना उचित स्थान लेने के लिए तैयार है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही पूर्वोत्तर क्षेत्र में व्यापार-अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री मोनालिसा दाश ने पूर्वोत्तर के लाभ और निवेश एवं व्यापार के अवसरों पर अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में बहुत सारी अप्रयुक्त क्षमताएं हैं। पिछले दशक में सरकार ने विभिन्न योजनाओं/पहलों के माध्यम से स्थानीय समुदायों और लाखों लोगों को लाभान्वित करते हुए अनेक लंबित परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है। उन्होंने आईटी और आईटीईएस, स्वास्थ्य सेवा, कृषि और संबद्ध, शिक्षा और कौशल विकास, खेल और मनोरंजन, पर्यटन और आतिथ्य, बुनियादी ढांचे, लोजिस्टिक्स और ऊर्जा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अवसरों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय निवेश के अवसरों को सुविधाजनक बनाने और क्षेत्र के निवेश इकोसिस्टम को बढ़ाने के लिए समर्पित है। पूर्वोत्तर क्षेत्र रणनीतिक निवेश के साथ विकास के लिए आश्वस्त है और विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी बनकर उभर सकता है जिससे स्थानीय जनता और पूरे देश को लाभ होगा।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) की निदेशक डॉ. काजल ने उन्नति योजना के बारे में जानकारी दी तथा उपस्थित लोगों को इसके लाभ और इससे संबंधित प्रोत्साहनों के बारे में व्यापक जानकारी दी। उन्नति योजना का उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत में औद्योगीकरण और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। यह योजना निवेशकों और विनिर्माण कंपनियों को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करती है, ‘एक्ट ईस्ट पॉलिसी’ का समर्थन करती है तथा आयात पर निर्भरता कम करने और निर्यात बढ़ाने के लिए घरेलू विनिर्माण और सेवाओं को बढ़ावा देती है।
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