5 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय प्रोस्थेटिक्स और ऑर्थोटिक्स दिवस (आईपीओडी) के बाद दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) पूरे देश में अपने राष्ट्रीय संस्थानों और समग्र क्षेत्रीय केंद्रों (सीआरसी) के माध्यम से कृत्रिम और ऑर्थोटिक उपकरणों के महत्व और अंगहीन या शारीरिक विकलांगता वाले व्यक्तियों के जीवन को सुगम बनाने में उनकी भूमिका के बारे में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रहा है।
The Delhi Chapter of the Orthotics and Prosthetics Association of India (OPAI) hosted a 1-day Conclave at Hindi Bhawan to mark International Prosthetic and Orthotic Day. Shri Rajesh Aggarwal, Secretary, DEPwD, highlighted key disability data insights and advancements in assistive… pic.twitter.com/CMf1UkVOWP
— Divyang Empowerment (@socialpwds) November 6, 2024
इन पहलों में सरकार की दिव्यांगजन समुदाय को समर्थन और जागरूकता बढ़ाने की प्रतिबद्धता शामिल है। प्रोस्थेटिक और ऑर्थोटिक सेवाएं कई व्यक्तियों के लिए गतिशीलता, कार्यक्षमता और जीवन को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। ये सेवाएं वास्तव में व्यक्ति-केंद्रित स्वास्थ्य सेवा का प्रतिनिधित्व करती हैं , यह सुनिश्चित करने के लिए कि एक विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के अंदर व्यक्तियों, परिवारों और समुदायों को सक्रिय प्रतिभागियों और लाभार्थियों के रूप में शामिल करना आवश्यक है।
आयोजित प्रमुख गतिविधियों में शामिल हैं:
- एनआईएलडी की जागरूकता रैली और शैक्षिक गतिविधियां: नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर लोकोमोटर डिसएबिलिटीज (एनआईएलडी) के छात्रों ने एक रैली, नुक्कड़ नाटक और शैक्षिक सत्रों का आयोजन किया। इसमें गतिशीलता और समावेश को बढ़ावा देने में प्रोस्थेटिक्स और ऑर्थोटिक्स के महत्व के बारे में बताया गया ।
- सीआरसी छतरपुर का जागरूकता शिविर: एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इसमें 50 से अधिक लाभार्थियों को सहायक उपकरण वितरित किए गए। इससे उनके दैनिक जीवन में गतिशीलता में सुधार हुआ।
- सीआरसी राजनांदगांव का ऑनलाइन वेबिनार: केंद्र ने 'जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने में प्रोस्थेटिक्स और ऑर्थोटिक्स की भूमिका' पर एक निशुल्क ऑनलाइन वेबिनार आयोजित किया। इसमें दैनिक गतिविधियों में इन उपकरणों की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
- सीआरसी त्रिपुरा का जागरूकता कार्यक्रम: एक जागरूकता कार्यक्रम में प्रेरक भाषण, दौड़ प्रतियोगिताएं और समुदाय को प्रेरित करने के लिए एक म्यूजिकल चेयर प्रतियोगिता आयोजित की गई।
- सीआरसी गोरखपुर का जन जागरूकता कार्यक्रम: सीआरसी गोरखपुर ने एक जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें बड़ी संख्या में दिव्यांगजनों को मोटर चालित तिपहिया साइकिलें वितरित की गईं। इससे उनकी आवाजाही में आसानी हुई और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिला।
डीईपीडब्ल्यूडी के अंतर्गत कई अन्य राष्ट्रीय संस्थानों और सीआरसी ने भी विभिन्न कार्यक्रमों की मेजबानी की। इससे दिव्यांगजनों के जीवन पर प्रोस्थेटिक्स और ऑर्थोटिक्स के परिवर्तनकारी प्रभाव के बारे में राष्ट्रव्यापी जागरूकता फैलाने में मदद मिली।
डीईपीडब्ल्यूडी दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने, स्वतंत्रता और समावेश के लिए उनकी आकांक्षाओं का समर्थन करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। प्रोस्थेटिक और ऑर्थोटिक सेवाओं तक पहुंच का विस्तार करके और समावेशिता की संस्कृति को बढ़ावा देकर, सरकार एक ऐसे भविष्य के निर्माण के लिए समर्पित है जहां हर व्यक्ति गरिमा और अवसरों के साथ रह सके।
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