अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारा (एकेआईसी) पहल ने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम (एनआईसीडीसी) और उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के बीच राज्य समर्थन समझौता (एसएसए) और शेयरधारक समझौता (एसएचए) पर हस्ताक्षर करने के साथ एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। ये समझौते औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने और वैश्विक स्तर पर अवसंरचना विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हैं, जिसकी शुरुआत आगरा और प्रयागराज में एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (आईएमसी) से हुई है। स्थानीय विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देने और घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय दोनों निवेशों को आकर्षित करके, एकेआईसी ‘मेक इन इंडिया’ पहल को मजबूत करेगा, जिससे भारत के ज्यादा आत्मनिर्भर एवं वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने का मार्ग प्रशस्त होगा।
औद्योगिक विकास एवं निवेश के लिए उत्प्रेरक
आगरा और प्रयागराज में इन एकीकृत विनिर्माण क्लस्टरों को अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारा के अंतर्गत औद्योगिक एवं आर्थिक विकास का इंजन बनने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इन क्लस्टरों का विकास व्यवसायों के लिए एक सक्षम माहौल प्रदान करेगा, रोजगार अवसरों को बढ़ावा देगा और एक औद्योगिक गंतव्य के रूप में उत्तर प्रदेश की प्रतिस्पर्धी क्षमता को बढ़ाएगा। दोनों क्लस्टर स्थानीय एवं वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करने के लिए तैयार हैं, जो वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में भारत की स्थिति को और मजबूत करते हैं।
परियोजनाओं की मुख्य विशेषताएं
आईएमसी आगरा
आगरा में एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (आईएमसी) रणनीतिक रूप से शहर के इनर रिंग रोड के साथ 1,058 एकड़ में फैला हुआ है। यह प्रमुख स्थान दिल्ली एनसीआर और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे सहित महत्वपूर्ण केंद्रों के लिए निर्बाध संपर्क सुनिश्चित करता है, जिससे यह एक आदर्श औद्योगिक केंद्र बन जाता है। असाधारण सड़क संपर्कों के माध्यम से, क्लस्टर द्वारा उद्योगों की एक विस्तृत श्रृंखला को आकर्षित करने की उम्मीद है, जो स्थानीय एवं अंतर्राष्ट्रीय दोनों व्यवसायों को आकर्षित करता है। इस परियोजना में 3,400 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश होने का अनुमान है, जिससे क्षेत्र की औद्योगिक वृद्धि और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
आईएमसी प्रयागराज
प्रयागराज में एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (आईएमसी) 352 एकड़ में फैला हुआ है, जो इस क्षेत्र में एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में उभरने के लिए तैयार है। लगभग 1,600 करोड़ रुपये की अनुमानित निवेश के साथ, क्लस्टर को ई-मोबिलिटी, खाद्य प्रसंस्करण, चमड़ा, वस्त्र, साइकिल निर्माण एवं पैकेजिंग जैसे उद्योगों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। विभिन्न क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देकर, आईएमसी प्रयागराज का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में आर्थिक विस्तार को बढ़ावा देना एवं क्षेत्रीय विविधीकरण को बढ़ावा देना है।इस समझौतों पर आधिकारिक रूप से एनआईसीडीसी के सीईओ और एमडी श्री रजत कुमार सैनी और यूपीएसआईडीए के सीईओ श्री मयूर माहेश्वरी ने हस्ताक्षर किया, जिससे इन औद्योगिक समूहों के विकास के लिए एक मजबूत संरचना स्थापित हुई, जो कि एकेआईसी पहल के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में रणनीतिक केंद्र के रूप में काम करेगा।
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